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झालावाड़

कोलाना एयरपोर्ट पर 15 फीसदी काम बचा, पर पूरा पैसा नहीं मिला

बजट के अभाव में काम की गति धीमी

झालावाड़Aug 14, 2025 / 11:37 am

harisingh gurjar

एक्सक्लूसिव

हरिसिंह गुर्जर

झालावाड़.जिले के कोलाना एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की सौगात जिलेवासियों को जल्द मिलने की उम्मीद है। कोलाना एयरपोर्ट पर एरोप्लेन उतारने के लिए तीन फैक्शन टेस्ट करवाए जा चुके हैं। लेकिन बजट समय पर नहीं मिलने से काम धीमी गति से चल रहा है। ऐप्रेन, ड्रेनेज सिस्टम आदि के लिए 19.75 करोड़ की स्वीकृति मिली थी, जिसमें से अभी तक 16 करोड़ ही मिले हैं। ऐसे में चल रहे काम में बजट रोड बना हुआ है। कोलाना एयरपोर्ट की हवाई पट्टी देश की सबसे बड़ी हवाई पट्टी। इसका रनवे 3120 मीटर है। देश की सबसे बड़ी हवाई पट्टी होने से इसे केन्द्र सरकार की उड़ान योजना में शामिल किया गया था। यहां पूर्व में घर्षण टेस्ट व नवंबर माह में बाधा सर्वे पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें 80 सीटर विमान उतरने के लिए एयरपोर्ट को फीट पाया गया है। अब बड़े विमानों की तैयारी की जा रही है। लेकिन बजट समय पर मिले निर्माण कार्य में गति आएगी। पूर्व में एयरपोर्ट के लिए 169 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किया गया था।

बजट में हुई थी घोषणा-

पर्यटन की दृष्टि से हमारा प्रदेश, देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की अग्रणी पसंद है। ऐसे में यहां के भौगोलिक क्षेत्र में दूर-दूर तक स्थित पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुंच बनाने के लिए सिविल एविऐशन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। इसे ही ध्यान में रखते हुए बजट में झालावाड़ हवाई अड्डे के अन्नयन, रिपेयर एवं मैंटिनेंस के कार्य कराने के लिए 19 करोड़ का बजट जारी किया था।

टैक्सी वे का चल रहा काम-

कोलाना एयरपोर्ट पर टैक्सी व ड्रेनेज सिस्टम के लिए करीब 16 करोड़ रुपए की लागत से काम करवाया जा रहा है। इसमें टेक्सी वे व ड्रेनेज सिस्टम बनाया जा रहा है। हालांकि ये दोनों काम 80-90 फीसदी तक पूर्ण हो चुके है,शेष काम के लिए बजट की जरूरत है। जल्द तैयार होगा एप्रेन कोलाना एयरपोर्ट पर बड़े विमानों को खड़े करने के लिए जल्द ही एप्रेन का काम चल रह है, इसके लिए 250 गुणा 50 मीटर का प्लेटफार्म बनाया जा रहा,जहां 5 बड़े विमान एक साथ उतर सकेंगे। इसका कार्यशुरू हो चुका है। ये 2025 के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ऐसे में बड़े विमान जिनकी क्षमता 200 यात्रियों की होगी वो भी यहां आसानी से उतर सकेंगे।

पायलट होंगे तैयार-

कोलाना एयरपोर्ट पर फ्लाइंग स्कूल खोलने की प्रक्रिया राज्य सरकार, निजी कंपनी व नागरिक उड्डयन विभाग के बीच चल रही है। कोलाना में तीन निजी कंपनियां विजिट कर चुकी है। ऐसे में यहां हर वर्ष करीब 200 लोगों को पायलट बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बजट की मांग की है-

कोलाना एयरपोर्ट पर अभी काम चल रहा है। एप्रेन, ड्रेनेज सिस्टम व टैक्वी वे की पटरी का काम चल रहा है। इसके लिए हमने 2.75 करोड़ और चाहिए। इसके लिए हमने प्रस्ताव बनाकर बजट की मांगकी है, जैसे ही बजट मिलेगा।10-15 फीसदी बचा हुआ काम पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद यहां एयरबस-320 जैसे 200 की क्षमता वाले विमान उतारे जा सकेंगे।

गोविन्द मिश्रा, अधीशासी, अभियंता कोलाना एयरपोर्ट, झालावाड़।

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