CG News: भाजपा सरकार की उदासीनता ने ली ग्रामीण की जान
बीते दिनों एनीकट पार करते हुए एक युवक को अपनी जान तक गंवानी पड़ गई। धनगांव का युवक एनीकट पार करते समय नदी के बहाव में बह गया और 27 घंटे बाद जाकर उसकी लाश मिली। स्वीकृति मिलने के बाद सेतु निगम के द्वारा दो बार टेंडर निकाला गया था। दूसरी बार में टेंडर ओपन हो गया था और निर्माण एजेंसी चयनित भी हो गए थे परन्तु दर निर्धारण नहीं हो पाया था। दर निर्धारण करने में विभागीय देरी होती रही और इसी बीच प्रदेश में सत्ता बदल गई। नई सरकार ने
प्रदेश में ऐसे कार्य जो शुरू नहीं हुए थे, ऐसे कार्यों पर वित्त विभाग की ओर से रोक लगा दिया। इसके बाद से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बावजूद यहां पर पुल निर्माण पर ग्रहण लग गया।
20 गांव के लोगों के लिए आवागमन जोखिम भरा
ढाबाहीह (कोसीर)-टांगर (विद्याडीह) के बीच उच्च स्तरीय पुल से दस गांव के लोगों को सीधे तौर पर आवागमन की सुविधा मिलेगी। ग्राम बोहरडीह, ढाबाडीह, कोसीर, जेवरा, जौरेला, सेमरिया, धनगांव, विद्याडीह, भुरकुंडा, गोडाडीह, सोडाडीह, बेल्हा, सुकुलकारी व आसपास ग्राम विकासखंड मुयालय को सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे। लोगों के लिए यह ब्रिज किसी वरदान से साबित नहीं होगा मगर सिस्टम की ढिलाई से लोगों के लिए यह वाब ही बनकर रह गया। ढाबाडीह-टांगर के बीच नहीं बना ब्रिज
धनगांव के युवक की मौत मामले को लेकर पामगढ़ विधायक शेषराज हरवंश ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर बीजेपी सरकार को इसके लिए दोषी बताया। उन्होंने लिखा कि
भाजपा सरकार की उदासीनता ने ग्रामीण की जान ली है। अगर ढाबाडीह-टांगर के बीच लीलागर नदी पर भाजपा सरकार ने पुल निर्माण करा दिया होता तो एक जान बच जाती।
लेकिन सरकार के द्वेषपूर्ण रवैए ने विकास का गला घोंट दिया। कांग्रेस सरकार में उच्चस्तरीय पुल निर्माण को स्वीकृति मिल गई थी लेकिन भाजपा ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। तानाशाही का अंत एक दिन जरूर होता है, भाजपा सरकार को जनता की आह लगेगी। ढाबाडीह-टांगर के बीच ब्रिज निर्माण के लिए करीब दो साल पूर्व टेंडर ओपन हो चुका था पर कुछ कार्य शुरू नहीं हो पाया था। अभी वर्तमान में शासन स्तर से निर्माण के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। मामला शासन स्तर का है।