तीन पर कार्रवाई होने के बाद डीईओ ने सभी शाखाओं के काम काज के लिए शाखाओं में बदलाव किया है। कई शाखाओं के क्लर्क को बड़ा पद दिया गया है तो कई क्लर्क के प्रभार को छीनकर दूसरे को दे दिया गया है।
केस 01. सहायक ग्रेड 2 रूपेश राठौर पर आरोप था कि वह मदिरा पान कर डीईओ आफिस पहुंचा था। आफिस में वह अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल कर रहा था। सोशल मीडिया में वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। उक्त कृत्य सिविल सेवा आचरण के प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया। इसके चलते उसे निलंबित किया गया।
केस 02. नवागढ़ ब्लाक के उमावि धुरकोट के व्याख्याता दिनेश कुमार राठौर को आरटीई के तहत नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। इस वजह से उन्हें डीईओ आफिस में अटैच किया गया था। अब संचालक लोक संचालनालय
रायपुर के आदेश के बाद उन्हें कार्यमुक्त करते हुए धुरकोट के लिए रिलीव कर दिया गया।
केस 03. सहायक ग्रेड टू किसलेय कुमार घृतलहरे को बीईओ बलौदा से कार्यालय डीईओ जांजगीर में व्यवस्था के तहत अटैच किया गया था। उसके ऊपर सेजस के शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के आरोप भी लगे थे। इसके चलते उन्हें बलौदा के लिए रिलीव किया गया।