हादसा इतना गंभीर था कि लोगों को कार से बाहर निकालने में गैस कटर की मदद लेनी पड़ी। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने कार से लोगों को निकालने का प्रयास किया। लेकिन, इस दौरान वह सफल नहीं हुए और पुलिस को फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को गैस कटर से काटकर लोगों को बाहर निकाला। कार सवार 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 2 लोग गंभीर रूप से घायल थे, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, हालत गंभीर देखते हुए उन्हें कानपुर रेफर कर दिया गया।
हादसे में डॉक्टर ब्रजेश, उनकी पत्नी प्रीति, बेटा अत्ताशय, बेटी मानवी, साली संगीता और उनकी बेटी सिद्दीका की मौत हुई है। संगीता के पति अंकित, ब्रजेश की बेटी मंदा घायल हैं।
बेंगलुरू में खुद का अस्पताल बनवा रहे डॉक्टर ब्रजेश
डॉक्टर ब्रजेश बेंगलुरू में अपना अस्पताल बनवा रहे हैं। वह परिवार के साथ बहराइच से बेंगलुरू जा रहे थे। डॉक्टर ब्रजेश बहराइच के मोतीपुर के एकघरा गांव के रहने वाले थे। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। उनके कोई भाई-बहन नहीं थे। गांव में डॉक्टर ब्रजेश की बूढ़ी मां रहती है। झपकी बनी हादसे की वजह
प्रभारी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि हादसा कार चालक को झपकी आने की वजह से हुआ। झपकी आने से कार का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर तोड़कर झांसी की ओर से आ रहे ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।