यूं समझे परेशानी का कारण
किसी स्कूल में यदि 300 विद्यार्थी हैं तो उन्हें रोजाना 3000 पौधे लगाने हैं, इसके साथ शिक्षकों को 15-15 पौधे अलग से लगाने हैं। मंत्री के निर्देशानुसार ऐसे स्कूल में एक महीने में 90 हजार पौधे लगाने जाने हैं। जानकारों की मानें तो अव्वल तो स्कूलों में इतनी जगह नहीं होती कि इतने पौधे लगाए जा सके। विशेषकर जैसलमेर के शहरी क्षेत्र में इतने पौधे कहां लगाए जा सकेंगे, यह सवाल सबसे बड़ा है। शिक्षक समाज का कहना है कि यदि मंत्री का आदेश माना तो एक महीने तक पूरे दिन पौधे ही लगाते रहेंगे। बच्चों को पढ़ाई के लिए समय नहीं मिल पाएगा। शिक्षकों को एक एप दिया गया है, जिसमें पौधा लगाने से पहले गड्ढे की फोटो अपलोड करनी होगी। यह है हकीकत
- जैसलमेर मुख्यालय पर ही अधिकांश सरकारी स्कूलों में इतनी जगह नहीं है, जितने पौधे लगवाने की बात कही जा रही है।
-अधिकांश स्कूलों में खेल का मैदान तक नहीं है, फिर पौधे कहां लगाएं जाएंगे? इसी तरह से ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पीने का पानी नहीं है, तो पौधों को सींचेंगे कैसे? इतनी बड़ी संख्या में पौधे कहां से लाए जाएंगे? उनकी राशि कौन अदा करेगा?
पढ़ाई कब होगी
यह आदेश अव्यावहारिक है। जब बच्चे और शिक्षक विद्यालय समय में पौधे लगाने में व्यस्त रहेंगे, तो पढ़ाई कब होगी? इसको धरातल पर मूर्त रूप देना काफी मुश्किल है।
- प्रकाश विश्नोई खारा, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान पंचायतीराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
निर्देशों की पालना करवाएंगे
पौधरोपण के संबंध में राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से शिक्षा विभाग को जो लक्ष्य दिए गए हैं, उनकी पालना करवाने का पूरा प्रयास करेंगे। जिन स्कूलों में जगह है, वहां पौधे लगाए जाने हैं और जहां जगह कम है, वे सार्वजनिक स्थल पर भी पौधरोपण करवा सकेंगे। - महेश बिस्सा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, जैसलमेर