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जैसलमेर

252 लाख से सुधरेगा जलापूर्ति का सिस्टम, पेयजल आपूर्ति में मिलेगी राहत

बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ स्थित हेडवक्र्स पर वॉल्टेज ट्रिपिंग के कारण आए दिन जैसलमेर सहित आसपास के गांवों में पीने के पानी का बनने वाले संकट का आगामी कुछ महीनों में स्थायी समाधान होने की उम्मीद जगी है।

जैसलमेरAug 07, 2025 / 09:05 pm

Deepak Vyas

बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ स्थित हेडवक्र्स पर वॉल्टेज ट्रिपिंग के कारण आए दिन जैसलमेर सहित आसपास के गांवों में पीने के पानी का बनने वाले संकट का आगामी कुछ महीनों में स्थायी समाधान होने की उम्मीद जगी है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए 252 लाख 65 हजार रुपए की राशि मंजूर की है। मोहनगढ़ हेडवक्र्स की मशीनरी पर सही वॉल्टेज को बनाए रखने के लिए स्टेबलाइजर लग जाएंगे और इस संबंध में विद्युत लाइन में जरूरी बदलाव भी किए जा रहे हैं। वर्तमान में लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ हेडवक्र्स पर चांधन जीएसएस से भागू का गांव होते हुए डेडिकेटेड फीडर से कनेक्शन किया हुआ है। इसका कनेक्शन 132 केवी के टावर से 33 केवी की लाइन के जरिए हो रखा है। अब मोहनगढ़ में 132 केवी का जीएसएस बन गया है। ऐसे में हेडवक्र्स तक वहां से लाइन डालने का काम किया जा रहा है, जिससे हाइ टेंशन कनेक्शन में अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी और शेष सहारा मशीनरी में स्टेबलाइजर लगने से मिल जाएगा। इस संबंध में विधायक छोटूसिंह भाटी ने डिस्कॉम के एमडी से सम्पर्क किया, वहीं प्रशासन की तरफ से भी समय-समय पर जलदाय विभाग की मांग को सरकार के सामने रखा गया।

हकीकत: पेश आती रही है विकट समस्या

मोहनगढ़ हेडवक्र्स से ही जैसलमेर शहर सहित सैन्य स्टेशनों, बीएसएफ परिसरों व करीब 250 गांवों को पीने का पानी मुहैया करवाया जाता है। वहां विद्युत लाइनों में आए दिन होने वाले व्यवधान और वॉल्टेज के उतार-चढ़ाव से जलापूर्ति सिस्टम गड़बड़ा जाता है। गत दिनों के दौरान भी इसी प्रकार का संकट हजारों की आबादी व जवानों ने झेला है। शहरी के अंदरूनी हिस्सों से लेकर आवासीय कॉलोनियों व बाहरी भागों में 5 से 7 दिनों के अंतराल में जलापूर्ति की गई। जैसलमेर शहर में प्रतिदिन पानी की कुल खपत 17-18 मिलियन लीटर है, जबकि हेडवक्र्स पर प्रोडक्शन विद्युत समस्या के कारण बहुत कम हो जाता है। शहर की जलापूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत मोहनगढ़ हेडवक्र्स ही है। इसके अलावा 15-20 प्रतिशत सहयोग डाबला के नलकूपों व गजरूपसागर में खुदे ट्यूबवेल से होता है।

आमजन हैरान-परेशान

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हेडवक्र्स पर गत दिनों से वॉल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या देखी गई। इसके अलावा लाइन टूटने से दो दिन तक डाबला से भी पानी नहीं मिल सका। अब स्थितियां धीरे-धीेरे नियंत्रण में आ रही हैं। इन सब तकनीकी दिक्कतों का दंश शहर के विभिन्न भागों में रहने वाले बाशिंदे भुगतने के लिए मजबूर होते हैं। उन्हें सैकड़ों रुपए खर्च कर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है। शहर के अंदरूनी हिस्सों में टैंकर की पहुंच भी नहीं हो सकती, लिहाजा वहां के रहवासियों के सामने समस्या और विकट हो जाती है। शहर के कई हिस्सों में मटमैले रंग के पानी की आपूर्ति की गई। पॉश कहलाने वाली जयनारायण व्यास कॉलोनी में एक सप्ताह बाद पानी की आपूर्ति हुई और वह पानी भी अस्वच्छ आया।
एक्सपर्ट व्यू-

बढ़ेगा जल उत्पादन तो मिल सकेगी राहत

बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ हेडवक्र्स पर अब तक 132 केवी के टावर से 33 केवी की लाइन से विद्युतापूर्ति होने से वॉल्टेज की बड़ी परेशानी रहती आई है। अब लाइनों में बदलाव और स्टेबलाइजर लगाए जाने से निश्चित रूप से जल उत्पादन बढ़ जाएगा और वर्ष में कई बार पीने के पानी की होने वाली कमी से लोगों को छुटकारा मिलेगा।
  • आरके शर्मा, सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता, जलदाय

ट्रिपिंग से मिलेगी निजात

मोहनगढ़ हेडवक्र्स पर विद्युत आपूर्ति में ट्रिपिंग और वॉल्टेज के उतार-चढ़ाव से उत्पादन में कमी की समस्या का अब स्थायी समाधान हो जाएगा। सरकार ने इसके लिए राशि मंजूर कर दी है। इससे स्टेबलाइजर लगाने के साथ बिजली लाइन में बदलाव का काम भी हो जाएगा। यह कार्य आगामी दो-तीन महीनों में पूरा हो सकेगा।
  • निरंजन मीणा, अधिशासी अभियंता, नगरखंड, जलदाय विभाग, जैसलमेर

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