गति अवरोधक के नियम
- इंडियन रोड कांग्रेस की ओर से देश भर में गति अवरोधकों को लेकर गाइडलाइन बनाई गई है। गति अवरोधक बनाते समय इस गाइडलाइन एवं नियमों का पालन करना आवश्यक है।
- इंडियन रोड कांग्रेस के अनुसार गलियों में गति अवरोधक बनाने का कोई नियम नहीं है। यदि जरूरी होता है तो जिला यातायात सुरक्षा समिति के अनुमोदन के बाद ही मापदंड के अनुसार बनाया जा सकता है।
- गाइडलाइन के अनुसार गति अवरोधक की अधिकतम ऊंचाई 10 सेमी, लंबाई 3.5 मीटर व वृताकार रेडियस 17 सेमी होना चाहिए। गति अवरोधक के दोनों तरफ 2.2 मीटर का स्लोप दिया जाना चाहिए, ताकि बिना झटका लगे वाहन निकल सके।
- गति अवरोधक पर थर्मो प्लास्टिक व्हाइट पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात में भी नजर आ सके।
- वाहन चालक को गति अवरोधक की जानकारी देने के लिए गति अवरोधक से 40 मीटर पहले चेतावनी व संकेतक बोर्ड लगा होना चाहिए।
लगते झटकों से बीमारी की आशंका
बिना स्लोप और अत्यधिक ऊंचाई वाले ब्रेकर वाहन चालकों और सवारों को झटका दे रहे हैं। इससे कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी की समस्या और मसल्स डैमेज जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये ब्रेकर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं।
पग-पग पर बना दिए गति अवरोधक
कस्बे के प्रत्येक गली मोहल्ले में गति अवरोधक देखा जा सकता है, वह भी एक-दो नहीं, बल्कि 6 से 7 गति अवरोधक। हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके घर के आगे गति अवरोधक बने। जिसके चलते कस्बे में गति अवरोधकों की मानो भरमार हो गई है। उनमें भी न तो नियमों का ध्यान रखा गया, न अनुमति ली गई, न ही कोई मापदंड। ऐसे में ये गति अवरोधक आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हुए है।
फैक्ट फाइल
30000 से अधिक है पोकरण की आबादी - 50 से ज्यादा गली मोहल्लों में हैं ब्रेकर
- 3 से 7 गति अवरोधक हर गली में निर्मित
सताती है दुर्घटना की आशंका
रात में कई बार पर्याप्त रोशनी नहीं होने पर गति अवरोधक नजर नहीं आते है। जिसके कारण हादसे का भय रहता है। ऊंचे व बिना किसी मापदंड के बने गति अवरोधक से आवागमन में परेशानी हो रही है। - नरेशकुमार, स्थानीय निवासी
हो रही परेशानी
गली मोहल्लों में बिना किसी नियम व मापदंडों के बने गति अवरोधकों के कारण परेशानी हो रही है। यही नहीं मोटरसाइकिल पर निकलते समय झटका लगने से बीमार होने की भी आशंका है।
- किशोर माली, स्थानीय निवासी