बता दें कि जवानों की ड्रेस में खास बात यह है कि इसे बीएसएफ ने ही डिजाइन किया है। ड्रेस का पेटेंट भी सीमा सुरक्षा बल ने करवाया है। इस ड्रेस को एक्सक्लूसीवली सीमा सुरक्षा बल ही उपयोग कर सकेंगे। नई ड्रेस का रंग संयोजन खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों के वातावरण के अनुकूल रखा गया है। इसमें 50 फीसदी खाकी, 45 फीसदी हरा और पांच फीसदी भूरा रंग शामिल किया गया है।
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क्या कहना है डीआईजी का
बीएसएफ-डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा, इस खास डिजिटल कॉम्बैट ड्रेस को बीएसएफ ने ही डिजाइन किया है। इसे पेटेंट भी करवाया गया है, जिससे कोई भी इसको कॉपी नहीं कर सकेगा। बाजार में इसकी बिक्री और दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। अगर कोई इसकी बिक्री और दुरुपयोग करता है तो उसे अपराध माना जाएगा।
50 डिग्री में भी जवानों के लिए कंफर्टेबल
ये ड्रेस स्टाइलिश होने के साथ-साथ जवानों के आराम और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि 50 डिग्री गर्मी में भी ये जवानों को कंफर्टेबल लगे सके। आखिरी बार 10 साल पहले बीएसएफ की वर्दी में बदलाव किया गया था। इसे जवानों और अधिकारियों को पहनाकर फीडबैक लिया गया है।