हकीकत यह भी
एफआरटी कंट्रोल रूम पर संपर्क करने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं मिल पा रहा है। फोन उठाने की सुविधा रात में लगभग न के बराबर है। लोग उमस और गर्मी में राहत की उम्मीद छोड़ चुके हैं। व्यापारी रोशन बताते हैं कि दुकान में सामान ठीक से चल नहीं पा रहा। एयर कंडीशनर और कूलर बंद होने से ग्राहकों की भीड़ कम हो गई है। त्योहारों के दौरान कारोबार प्रभावित होना गंभीर चिंता का विषय है। इसी तरह दुकानदार अर्जुनसिंह का कहना है बिजली गुल होने से बिलिंग मशीन काम नहीं करती, फ्रिज बंद हो जाते हैं। ग्राहक परेशान हो जाते हैं और सामान खराब होने का खतरा रहता है।
परेशान गृहणियां व विद्यार्थी भी
गृहिणी रश्मि बताती है कि बार-बार बिजली जाने से खाना बनाना मुश्किल हो जाता है। बच्चों का पढ़ाई का समय भी प्रभावित होता है। पंखा नहीं चलता तो उमस और गर्मी असहनीय हो जाती है। शहर के स्कूल और कॉलेज के छात्र भी विद्युत कटौती से परेशान हैं। विद्यार्थी दिनेश कुमार कहते हैं हम रात को पढ़ाई नहीं कर पा रहे। इंटरनेट और लाइट नहीं है तो ऑनलाइन क्लास और होमवर्क करना मुश्किल हो गया है।
मरीजों और बुजुर्गों की पीड़ा
बुजुर्ग रामलाल बताते हैं कि हमारे घर में दवा रखने का फ्रीज बंद रहता है। गर्मी में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लगातार बिजली जाने से तनाव भी बढ़ा है। स्थानीय निवासी सोहन ने आरोप लगाया कि एफआरटी कंट्रोल रूम में फोन करने पर कोई ठोस जवाब नहीं मिलता। सुबह हो या शाम, दोपहर हो या रात, बिजली जाने का कोई कारण नहीं बताया जाता। जिम्मेदार केवल धैर्य रखने की नसीहत देते हैं। एक महिला शिक्षक ने बताया कि विद्युत कटौती के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जानकारों के अनुसार विद्युत व्यवधान में सुधार, नियमित निरीक्षण और नियंत्रण कक्ष की तत्परता बढ़ाने की दरकार है, ताकि आमजन के दैनिक जीवन में होने वाली कठिनाई को कम किया जा सके।