गांव-गांव से जुटे लोग
बासनपीर में जुंझारों की छतरियों के निर्माण को लेकर हुए विवाद के बाद शुक्रवार को भी दिनभर ग्रामीणों का वहां पहुंचने का सिलसिला चला। जिले भर के विभिन्न क्षेत्रों के लोग वहां पहुंचे और छतरी निर्माण के लिए अपना समर्थन जताया। सत्ताधारी भाजपा का पूरा काडर वहां पहुंचा। दूसरी ओर नागरिक और पुलिस प्रशासन इस मामले में करीबी नजरें बनाए हुए है।
छतरियां बनने तक मौके पर : प्रतापपुरी
पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक छतरियों का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक वे यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये छतरियां हमारी आस्था का स्थल है। एक संत और जनप्रतिनिधि के नाते उनका कर्तव्य है कि, यह कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो। उन्होंने कहा कि गुरुवार को बासनपीर में पत्थरबाजी की जो घटना हुई, वह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह दु:ख का विषय है कि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को भी पत्थर फेंकने के उकसाया गया। महिलाओं को भी पत्थरबाज बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पर्दे के पीछे ब्रेनवॉश करने वाले बड़े लोग हैं।
प्रशासन की विफलता : रविंद्रसिंह
शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने बासनपीर पहुंचने पर कहा कि इस क्षेत्र में इस तरह की घटना नहीं घटी। जो भी इसके पीछे हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उन्हें जानकारी मिली है कि दो दिन में जिला स्तर का कोई अधिकारी यहां नहीं पहुंचा हैं, यह चिंता का विषय है। यह सिस्टम की विफलता है। आला अधिकारियों को लोगों के बीच आना चाहिए।
पहले भी होते रहे हैं विवाद
बासनपीर में तालाब के पास छतरियों के निर्माण का बीते कई वर्षों से एक पक्ष विरोध करता आ रहा है। साल 2019 में छतरी को तोड़ा गया था। झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति, हिंदू संगठनों सहित आमजन ने जिलेभर में आंदोलन किया गया था। साल 2021 में प्रशासन की मौजूदगी में काम शुरू करवाया गया था, लेकिन, फिर काम पूरा नहीं हो सका। गत गुरुवार को प्रशासन की लिखित स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य करवाया जा रहा था, तब समुदाय विशेष के लोगों ने विरोध करते हुए पथराव किया। महिलाओं व बच्चों ने भी पत्थर फेंके। कई गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की गई। हालात संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे यह मामला तूल पकड़ गया।