बीलिया नदी से आ रहा सीवरेज का पानी
सालमसागर तालाब में बीलिया नदी से पानी आता है। बीलिया नदी मंगलपुरा के पास स्थित महेशानंद महाराज के आश्रम के पीछे से होकर गुजरती है। मंगलपुरा क्षेत्र में नगरपालिका की ओर से लगाई गई सीवरेज लाइनें इस बीलिया नदी में लाकर छोड़ दी गई है। बारिश के दौरान नदी के बहाव के साथ गंदगी सालमसागर तालाब में आ जाती है।बांध तोड़ दिए जाने से बढ़ी परेशानी
पूर्व में सालमसागर तालाब में बीलिया नदी पर एक बांध बना हुआ था, ताकि नदी के बहाव के साथ आने वाली रेत को रोका जा सके। रेत के साथ ही गंदगी तालाब में आने से रुक जाती थी। जिससे तालाब में गंदगी ज्यादा नहीं हो पाती थी। गत दिनों तालाब पर चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के दौरान बांध को तोड़ दिया गया। ऐसे में नदी से पानी सीधे तालाब में आ रहा है और साथ में गंदगी भी। ऐसे में तालाब का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है।संक्रमण व बीमारियां फैलने का खतरा
सालमसागर कस्बे का मुख्य व ऐतिहासिक तालाब माना जाता है। तालाब के घाटों पर सुबह व शाम को लोग घूमने के लिए आते है। इसके अलावा यहां एक पार्क और कई मंदिर भी स्थित होने से चहल-पहल लगी रहती है। बाबा रामदेव के भादवा मेले के दौरान हजारों जातरु इस तालाब में नहाने के लिए पहुंचते है। ऐसे में तालाब में दूषित पानी के कारण संक्रमण व बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।बदला जाए सीवरेज का मार्ग
तालाब में बीलिया नदी से पानी की आवक होती है। बीलिया नदी से सीवरेज का गंदा पानी सीधे तालाब में पहुंच रहा है। जिससे पूरा तालाब दूषित हो गया है। तालाब के पानी का रंग बदलने के साथ दुर्गंध भी फैल रही है। इस संबंध में नगरपालिका को ध्यान देने की जरुरत है।- बलवंतसिंह जोधा, संयोजक ओरण, तालाब, आगोर संरक्षण संघर्ष समिति, पोकरण
बीमारियां फैलने का खतरा
तालाब में गंदगी हो जाने के कारण पानी दूषित हो गया है। जिससे संक्रमण व बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। मेले के दौरान परेशानी बढऩे की आशंका है।- गौरीशंकर जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता, पोकरण