ये हुए थे कार्य
- देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाने के लिए खादी भंडार परिसर में एक विशाल आयुद्ध गैलेरी का निर्माण किया गया।
- गैलेरी में पाषाणयुग, लोह व काष्ठ युगीन हथियारों, तलवार, भाले, तीर कमान, कटार, बरछी के साथ ही आधुनिक अस्त्र शस्त्रों को एकत्र कर सजाया गया।
- विभिन्न युद्धों की जानकारी संकलित कर प्रदर्शन के तौर पर लगाई गई।
- विभिन्न युद्धों से संबंधित चित्र, महापुरुषों व अमर शहीदों के चित्रों से भी सजाया गया।
- म्यूजियमनुमा इस आयुद्ध गैलेरी के बाहर एक चौकी पर 1971 में पाकिस्तान से जीतकर लाया गया टैंक, युद्धक जहाज विक्रांत व मिसाइल के मॉडल भी लगाए गए।
- परिसर में एक अमर जवान ज्योति, परमाणु भट्टी व बम, रेगिस्तान में भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की चौकी, तारबंदी के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में बनाए जाने वाले भूमिगत बंकर व मोर्चों के मॉडल का भी निर्माण करवाया गया।
- यहां आने वाले पर्यटक एक ही जगह पर जल, थल व वायुसेना के बारे में कुछ जानकारियां हासिल कर सके।
हकीकत: उपेक्षा के चलते सब बेकार
शक्तिस्थल के बुरे दिन कुछ महिनों बाद ही शुरू हो गए थे। इसके बाद सरकार व प्रशासन ने इसके विकास के बारे में न तो कभी सोचा न ही कभी इसकी ओर मुडक़र देखा। इसी के चलते यहां खर्च की गई लाखों रुपए की धनराशि व यहां की गई जी-तोड़ मेहनत सब कुछ बेकार साबित हो रहा है। गत कई वर्षों से जहां आयुद्ध गैलेरी बंद पड़ी है और बाहर पड़े अन्य मॉडल देखरेख के अभाव में खराब हो रहे है।
छह लाख की राशि खर्च हुए निर्माण कार्य
शक्तिस्थल में नगरपालिका, क्षेत्रीय विधायक व जिला कलक्टर की ओर से दी गई छह लाख की राशि से आयुद्ध गैलेरी, शक्तिस्थल की चारदीवारी, जनसुविधाओं के विकास के साथ ही मरम्मत कार्य करवाया गया था। इसी तरह यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए केन्टीन भी लगाई गई थी। इसके अलावा कुछ कार्य व मॉडल्स का निर्माण सीमा सुरक्षा बल की ओर से भी किया गया था और शक्तिस्थल के बीचोंबीच अमरजवान ज्योति का निर्माण करवाया गया था। जहां देश के नाम गुमनाम शहीदों को यहां पुष्पचक्र चढ़ाकर नमन किया जा सके, जो देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त होने लगा है। यहां करवाए गए सभी निर्माण कार्य बेकार साबित हो रहे है।
इंदिरा शक्ति पेनोरमा भी अधरझूल में
गत कांग्रेस सरकार की ओर से 2023 के बजट में पोकरण में इंदिरा शक्ति पेनोरमा की घोषणा की गई थी। यह पेनोरमा भी कागजों में ही सिमट गया है। कांग्रेस की सरकार जाने के बाद न तो पेनोरमा को लेकर जमीन आवंटित हुई, न ही कोई बजट मिल पाया है। यदि सरकार की ओर से पेनोरमा बनाया जाता है तो पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।