बर्फ के लिए हिमालय तो गर्मी के लिए रेगिस्तान क्यों नहीं?
पर्यटक सर्दियों में बर्फ का आनंद लेने हिमालय की ओर रुख करते हैं, लेकिन गर्मी के अहसास के लिए वे रेगिस्तान की ओर क्यों नहीं आते? पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इस सोच को बदलने की जरूरत है। जैसलमेर के सम क्षेत्र के रिसॉट्र्स ने तो इसके लिए तैयारियां भी कर रखी हैं।फ्लाइट बंद, गर्मी को नहीं मिल रहा मौका
जैसलमेर में अभी सर्दियों के बाद फ्लाइट सेवाएं बंद कर दी जाती हैं, क्योंकि पर्यटन गिर जाता है। लेकिन यदि गर्मी में भी डिस्काउंट ऑफर और सीमित समय के ट्यूर पैकेज दिए जाएं, तो पर्यटक आ सकते हैं। च्वीकेंड टूरिज्म ज् की ही तरह च्समर वैकेशन टूरिज्मज् को प्रोत्साहन देकर यह सपना साकार किया जा सकता है।फैक्ट फाइल
-1300 करोड़ रु. सालाना टर्नओवर सर्दियों के पर्यटन से- 8 लाख पर्यटक आते हैं जैसलमेर हर साल
3 गुना देशी पर्यटक अधिक आ रहे विदेशी पर्यटकों से -300 करोड़ रु. का व्यवसाय सम क्षेत्र में
- 300 करोड़ रु. का टर्नओवर वीकेंड टू रिज्म से
- 300 करोड़ का अतिरिक्त संभावित समर टूरिज्म से संभव
गर्मी में भी सुरक्षित
एहतियातन पर्यटक सुबह 10 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद भ्रमण करें तो गर्मी में भी सुरक्षित टूरिज्म संभव है। जैसलमेर की धूप विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। जरूरी है कि हम गर्मी को पर्यटन सीजन के रूप में स्वीकारें।