जैसलमेर जिले के पूनमनगर स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश द्वार गिरने से सात वर्षीय मासूम अरबाज खां की मौत ने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियां छीन ली। इस हादसे ने स्कूलों की जर्जर व्यवस्था और लापरवाही के उस चेहरे को भी उजागर कर दिया, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
अरबाज अपनी बहन मधु को स्कूल से लेने गया था, छुट्टी का समय था, घर लौटने की जल्दी थी। लेकिन किसी को क्या पता था कि स्कूल का वही प्रवेश द्वार, जो लंबे समय से जर्जर पड़ा था, उसकी जिंदगी का आखिरी मोड़ बन जाएगा। अरबाज के पिता तालब खां की कोरोना में मौत हो चुकी है। मां बार-बार यही पूछती रही, मेरे बेटे की गलती क्या थी?
हादसे के बाद प्रिंसिपल और VDO निलंबित
इस दर्दनाक हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुमन बाला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसी प्रकार ग्राम विकास अधिकारी रामचंद्र को भी कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
घटना की जानकारी पर अरबाज के परिवारजन मौके पर पहुंचे। यहां उसके मामा शमशेर खां को मीडिया से बातचीत करने के दौरान ही चक्कर आ गए। साथ खड़े लोगों ने उसे सम्भाला।
गांव में पसरा शोक
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरतापूर्वक लड़ते हुए देश के लिए बलिदान देने वाले पूनमसिंह भाटी के नाम पर हाबूर से पूनमनगर हुए गांव में हादसे के बाद शोक पसर गया। अरबाज के सिर से उसके पिता तालब खां का साया कोरोना काल में उठ चुका है। उससे बड़ा 9 वर्षीय भाई और दो बहनें हैं। जिनके साथ घर जाने के लिए ही वह अपने स्कूल से बालिका स्कूल पहुंचा था।
एक हादसा नहीं, एक सिस्टम की नाकामी
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि प्रवेश द्वार की जर्जर स्थिति की जानकारी पहले से ग्राम विकास अधिकारी को दी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस हादसे में स्कूल के शिक्षक अशोक कुमार सोनी और 5 वर्षीय छात्रा प्रिया भी घायल हो गए।
शिक्षक ने की बचाव की कोशिश
इस हादसे में घायल शिक्षक अशोक कुमार सोनी ने बताया कि छुट्टी के समय देखा कि प्रवेश द्वार से पत्थर गिर रहे हैं और पिलर हिल रहा है। वहां उस समय 15-20 बच्चे थे। उन्होंने दौड़ कर पिलर को थामने की कोशिश की लेकिन वह बहुत भारी था, उनके अपने पैरों पर गिर गया और अरबाज भी उसकी चपेट में आ गया। इस दौरान अन्य बच्चे वहां से भाग गए। शिक्षक का कहना है कि ऐसा नहीं करते तो 6-7 बच्चे और चपेट में आ जाते। सोनी के एक पांव में फ्रेक्चर है व सिर पर टांके आए हैं।
Hindi News / Jaisalmer / Jaisalmer School gate collapses: रोते-रोते पूछती रही मां- मेरे बेटे की गलती क्या थी? कोरोना में खोया पति और अब बेटे की मौत