जानकारी के अनुसार, फलसूंड क्षेत्र के श्यामपुरा गांव की एक गर्भवती महिला को मंगलवार शाम प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रात में परिजनों ने भर्ती करवाने के दो घंटे बाद भी न तो चिकित्सकों की ओर से उपचार करने और न ही चेक करने का आरोप लगाया। चिकित्सकों ने समयवार की जांच की और सुरक्षित प्रसव करवाने का दावा करते हुए परिजनों पर राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने, झूठा वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप लगाया है।
यह था पूरा मामला
श्यामपुरा निवासी इमरती (27) पत्नी भोपाराम को मंगलवार शाम 5.15 बजे अस्पताल लाया गया। रात करीब साढ़े 9 बजे उसके कुछ परिजन यहां पहुंचे। उन्होंने गर्भवती महिला का गैलरी में चलने व गेट के पास सोते हुए कुछ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए और आरोप लगाया कि चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों की ओर से एक बार भी जांच नहीं की गई है।
जबकि अस्पताल सूत्रों के अनुसार, 5.15 बजे जांच कर उसे भर्ती कर दिया गया था। इसके बाद 7 बजे, 8.50 बजे व 9.20 बजे उसके स्वास्थ्य की जांच की गई। रात करीब 10.21 बजे महिला के सुरक्षित प्रसव करवाया और उसने पुत्र को जन्म दिया।
अस्पताल प्रभारी ने क्या बताया
अस्पताल के प्रभारी डॉ. नीरज ने फलसूंड पुलिस में रिपोर्ट पेश कर बताया कि मंगलवार रात लेखाराम व उसकी पत्नी ने अस्पताल में प्रसूता इमरती को लेकर वीडियोग्राफी की। प्रसव कक्ष में वीडियो बनाया गया और उसे लेकर प्रसव कक्ष की गैलरी में सुलाकर वीडियो बनाया। इस दौरान वे एनओ सत्यपाल यादव, एएनएम सुनीताकुमारी, एलएच मदन शर्मा आपातकालीन कक्ष में जांच कर रहे थे। प्रसूता व परिजन की ओर से कोई आवाज नहीं लगाई गई और न ही उन्हें बुलाया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिला व परिजनों को उकसाकर व भड़काकर गैलरी में सुलाया गया और झूठी वीडियोग्राफी की गई। इसके साथ ही उन्हें वीडियो वायरल करने की धमकी देकर राजकार्य में बाधा पहुंचाई। लेखराम व उसकी पत्नी ने अस्पताल में बिना अनुमति प्रसव कक्ष में प्रवेश किया, जो नियम विरुद्ध है और झूठा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। जिससे अस्पताल व स्टाफ की छवि खराब हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।