scriptRajasthan: हिरण को बचाने निकले 4 साथियों की दर्दनाक मौत, सुनकर रो पड़ा पूरा गांव; अब उठी ये मांग | Four wildlife lovers who went to save a deer in Jaisalmer died in a tragic road accident | Patrika News
जैसलमेर

Rajasthan: हिरण को बचाने निकले 4 साथियों की दर्दनाक मौत, सुनकर रो पड़ा पूरा गांव; अब उठी ये मांग

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने चार जिंदगियों को छीन लिया।

जैसलमेरMay 24, 2025 / 05:23 pm

Nirmal Pareek

Jaisalmer Road Accident

जैसलमेर के 4 वन्यजीव प्रेमी, फोटो सोर्स- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने चार जिंदगियों को छीन लिया। ये चारों व्यक्ति जंगल में हिरण के शिकार की सूचना मिलने पर उसे बचाने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में एक ट्रक से उनकी कैंपर गाड़ी की जोरदार टक्कर हो गई, जिससे वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई, श्याम प्रसाद (रिटायर्ड फौजी), कंवराज सिंह भाटी और वन रक्षक सुरेंद्र चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई। इनकी मौत के बाद लाठी इलाके में व्यापारियों ने बाजार बंद रखे और सभी ने नम आंखों से विदाई दी।

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बता दें, घटना शुक्रवार रात करीब 10 बजे लाठी कस्बे में गैस एजेंसी के सामने की है। ये सभी लोग एक कैंपर गाड़ी में सवार होकर हिरण के शिकार की सूचना पर जंगल की ओर जा रहे थे, तभी अचानक सामने से आ रहे ट्रक ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कैंपर पूरी तरह पिचक गई और चारों शव उसमें फंस गए। क्रेन की मदद से वाहन के आगे का हिस्सा काटकर शवों को बाहर निकाला गया और पोकरण हॉस्पिटल भिजवाया गया।

हिरणों के मसीहा के नाम से पहचान

हादसे में जान गंवाने वाले 28 वर्षीय राधेश्याम विश्नोई वन्यजीव संरक्षण की दुनिया में एक चर्चित नाम थे। उन्होंने अब तक 1,000 से अधिक हिरणों को रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई थी। राधेश्याम को सेंचुरी एशिया यंग नेचरिस्ट अवॉर्ड, विश्नोई समाज और अन्य संगठनों द्वारा सम्मानित किया जा चुका था। वे कई वर्षों से जैसलमेर क्षेत्र में वन्यजीवों की रक्षा के लिए सतत संघर्षरत थे।

अन्य साथियों की थी मुख्य भूमिका

श्याम प्रसाद विश्नोई भारतीय सेना से रिटायर्ड थे। राधेश्याम के साथ वाइल्डलाइफ सुरक्षा में सक्रिय थे। कंवराज सिंह भाटी भादरिया गोशाला में कार्यरत और वन्यजीव प्रेमी। सुरेंद्र चौधरी बालोतरा के निवासी थे और पिछले वर्ष वन रक्षक के पद पर लाठी रेंज में नियुक्त हुए थे। चारों ही व्यक्ति वन्यजीवों की रक्षा के लिए रात के समय अपने निजी जीवन की परवाह किए बिना जंगल की ओर निकले थे।

प्रदेश में शोक की लहर

हादसे की सूचना मिलते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, धोलिया सरपंच शिवरतन विश्नोई, वन्यजीव प्रेमी सुमेर सिंह सांवता और अन्य नेताओं ने हादसे पर गहरा शोक जताया।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वे ब्राज़ील प्रवास पर हैं अन्यथा परिजनों का दुख बांटने अवश्य पहुंचते। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।

शहीद का दर्जा देने की उठी मांग

अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा ने इस हादसे को ‘बलिदान’ करार देते हुए सरकार से मांग की है कि चारों वन्यजीव रक्षकों को शहीद का दर्जा दिया जाए, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए, परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए और मरणोपरांत अमृता देवी विश्नोई पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। सभा ने यह भी घोषणा की है कि इन चारों वन्यजीव प्रेमियों को श्रद्धांजलि स्वरूप शहीद स्मारक बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि शनिवार को चारों शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया। आज सभी का अंतिम संस्कार पूरे समाजिक सम्मान के साथ किया गया। चारों की मौद के बाद क्षेत्रवासियों और वन्यजीव प्रेमियों में भारी शोक का माहौल है।

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