scriptलंबी कतारों में खड़े रहे श्रद्धालु, रूणिचा नगरी में उमड़ा आस्था का ज्वार | Devotees stood in long queues, a wave of faith surged in Runicha city | Patrika News
जैसलमेर

लंबी कतारों में खड़े रहे श्रद्धालु, रूणिचा नगरी में उमड़ा आस्था का ज्वार

भादवा कृष्ण पक्ष के चलते कस्बे में बुधवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ रामदेवरा में उमड़ी। मुख्य समाधि के प्रवेश द्वार से लेकर पेड़ीवाल धर्मशाला तक श्रद्धालुओं की करीब दो किमी लंबी कतार लगी रही।

जैसलमेरAug 13, 2025 / 08:35 pm

Deepak Vyas

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भादवा कृष्ण पक्ष के चलते कस्बे में बुधवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ रामदेवरा में उमड़ी। मुख्य समाधि के प्रवेश द्वार से लेकर पेड़ीवाल धर्मशाला तक श्रद्धालुओं की करीब दो किमी लंबी कतार लगी रही। पुलिस को भी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बाबा रामदेव का वार्षिक मेले का शुभारंभ तो 25 अगस्त से ध्वजारोहण के साथ होगा, लेकिन उससे पूर्व ही रामदेवरा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने से डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी लाइन लग रही है। आस्था के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे है। रामदेवरा में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। रामदेवरा में पैदल यात्रियों के साथ ही श्रद्धालु कनक दंडवत करते हुए भी रामदेवरा पहुंच रहे हैं। रामदेवरा में श्रदालुओं की सेवा को लेकर पत्र पर लोग फल और पानी की बोतल भी वितरित कर रहे हैं।

ठहराव हुआ कम –

लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने के लिए रामदेवरा पहुंच रहे श्रद्धालुओं में अधिकांश अपने निजी वाहनों से रामदेवरा पहुंच रहे हैं । मोटरसाइकिल और चौपहिया वाहनों के साथ ही थ्री व्हीलर लेकर श्रद्धालु रामदेवरा पहुंच रहे हैं। बाबा रामदेव समाधि दर्शन व्यवस्था सुगमता पूर्वक होने के चलते श्रद्धालु लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर वापस अपने घरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। वही रेलवे के द्वारा मेला स्पेशल ट्रेन चलाने से रेल से आने वाले यात्री भी दो से तीन घंटे में बाबा की समाधि के दर्शन कर और स्थानीय बाजार से अपने सामर्थ्य के अनुसार खरीदारी करके वापस रेल से घरों की ओर लौट रहे हैं । ऐसे में क्षेत्र की अधिकांश होटल और धर्मशाला में यात्रियों की आवक कम हो रही हैं। मारवाड़ का कुंभ माने जाने वाला बाबा रामदेव का विश्व विख्यात भादवा मेला भादवा शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर एकादशी तक रहता है। मेले की विधिवत शुरुआत भादवा शुक्ल पक्ष की दितीया से होती है।

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