राजस्थान में गत 25 जून से शुरु किए गए सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान के माध्यम से की जा रही टीबी की जांच में अब तक दो लाख 35 हजार से अधिक लोगों में यह बीमारी पाई गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस अभियान के तहत अब तक 74 लाख से अधिक अति संवेदनशील जनसंख्या की घर-घर जाकर जांच की जा चुकी है। अभियान का लक्ष्य 1.67 करोड़ संवेदनशील व्यक्तियों तक पहुंचना है।
जांच में अब तक दो लाख 35 हजार 54 व्यक्तियों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं, जिन्हें पुष्टि के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया गया है। स्क्रीनिंग का अभियान 21 जुलाई तक चलेगा, जिसका उद्देश्य टीबी के छिपे मामलों की शीघ्र पहचान कर समय पर निशुल्क उपचार उपलब्ध कराना है।
अभियान के तहत पीएलएचआईवी, डायबिटीज रोगी, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, कुपोषित व्यक्ति, धूम्रपान/मद्यपान करने वाले, प्रवासी श्रमिक, आदिवासी समुदाय, पूर्व टीबी रोगी तथा खनन एवं निर्माण स्थलों, जेलों एवं शहरी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की घर-घर जाकर जांच की जा रही है।
3350 ग्राम पंचायत टीबी मुक्त
प्रदेश में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत वर्ष 2024 में 3350 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जिससे समुदाय स्तर पर जागरूकता और भागीदारी में वृद्धि हुई है। इस अभियान में राजस्थान देशभर में तीसरे स्थान पर रहा है। अभियान के तहत अब तक 35 हजार 117 निक्षय मित्र पंजीकृत हो चुके हैं जो टीबी मरीजों को पोषण, मानसिक सहयोग और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।
यह वीडियो भी देखें चिकित्सा विभाग की ओर से वर्ष 2024 में राज्य में एक लाख 71 हजार 415 टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य का 101 प्रतिशत है। गत जून तक 89 हजार 132 टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन किया गया है जो लक्ष्य का 110 प्रतिशत है। गौरतलब है कि नाट तकनीक टीबी की जल्दी और सटीक पहचान करने में सक्षम है, जिससे रोगी को समय पर उपचार मिल पाता है और संक्रमण का प्रसार भी रोका जा सकता है।
Hindi News / Jaipur / Rajasthan: राजस्थान में फैल रही यह बीमारी, सरकार ने चलाया अभियान, 2 लाख से ज्यादा मिले मरीज