scriptTraffic Rule: अंधेरे में चला रहे ई-चालान का तीर लगता कहीं और… दोषी कोई और, जानें सच्चाई | Trafficrule: If you drive in the dark, the arrow of the e-challan hits somewhere else… someone else is guilty | Patrika News
जयपुर

Traffic Rule: अंधेरे में चला रहे ई-चालान का तीर लगता कहीं और… दोषी कोई और, जानें सच्चाई

यपुर शहर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगाम कसने के लिए बनाई गई ई-चालान व्यवस्था अब सवालों के घेरे में है। शहर में हर छठा ई-चालान गलत व्यक्ति तक पहुंच रहा है, कभी गलत आरसी, कभी धुंधली नंबर प्लेट, तो कभी पुराना मोबाइल नंबर इसके पीछे की वजह बन रहा है।

जयपुरAug 08, 2025 / 09:40 am

anand yadav

जयपुर शहर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगाम कसने के लिए बनाई गई ई-चालान व्यवस्था अब सवालों के घेरे में है। शहर में हर छठा ई-चालान गलत व्यक्ति तक पहुंच रहा है, कभी गलत आरसी, कभी धुंधली नंबर प्लेट, तो कभी पुराना मोबाइल नंबर इसके पीछे की वजह बन रहा है। नतीजा यह कि जुर्माना भुगतना किसी और को पड़ रहा है और असल दोषी बच निकल रहा है।

गलत मोबाइल नंबर और नंबर प्लेट की गफलत

जयपुर में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भेजे जा रहे ई-चालानों में 15% गड़बड़ी सामने आई है। इनमें से कई चालान ऐसे लोगों तक पहुंच रहे हैं जिनका इन उल्लंघनों से कोई संबंध नहीं है। कारण – वाहनों की आरसी में गलत या पुराने मोबाइल नंबर, और कई मामलों में धूल-मिट्टी से ढकी या खराब नंबर प्लेटें, जिन्हें सीसीटीवी कैमरे सही से रीड नहीं कर पा रहे।
वाहन चालकों को परेशान कर रहा बना ई-चालान, पत्रिका फोटो

10 हजार से अधिक आरसी में गलत मोबाइल नंबर

शहर में करीब 10 से 12 हजार ऐसे वाहन हैं जिनके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में गलत मोबाइल नंबर दर्ज हैं। कई बार वाहन बेचने के बाद भी पुराने नंबर अपडेट नहीं होते। नतीजा ये कि चालान गलत व्यक्ति को चला जाता है, जबकि असली ट्रैफिक नियम उल्लंघनकर्ता अनजान बना रहता है।

ई-डिटेक्शन सिस्टम की नई शुरुआत

परिवहन विभाग ने अब हाईवे पर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ई-डिटेक्शन पोर्टल शुरू किया है। यह पोर्टल 145 टोल प्लाजा पर रीयल टाइम ट्रैकिंग के जरिए स्पीड, परमिट, बीमा जैसी खामियों पर स्वत: चालान करता है। लेकिन इसमें भी तकनीकी खामियां हैं, ओवरलोड वाहन तो पकड़े जा रहे हैं लेकिन गलत नंबर प्लेट रीडिंग की समस्या अब भी बनी हुई है।

गलत चालान की शिकायतों का बढ़ता ग्राफ

ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा सीसीटीवी और ऐप्स के माध्यम से भेजे गए चालानों में मानसरोवर, वैशाली नगर, सी-स्कीम, टोंक रोड और अजमेरी गेट जैसे इलाकों से गलत चालानों की शिकायतें सबसे अधिक मिली हैं। वर्ष 2024 में ही करीब 2 हजार गलत चालान की शिकायतें सामने आईं, जिनमें से सिर्फ 60 फीसदी का ही समाधान किया गया।

बीते 5 वर्षों का ई-चालान का लेखा-जोखा

वर्षकुल ई-चालानगलत शिकायतेंसमाधानप्रभावित ई-चालानचालान क्षेत्र
2020 1,50,000 10% 1,200 50% मानसरोवर, टोंक रोड
2021 1,20,000 12% 1,400 55% वैशाली नगर, सी-स्कीम
2022 1,80,000 14% 1,600 58% अजमेरी गेट, जेएलएन
2023 2,00,000 13% 1,800 60% गोपालपुरा, विद्याधर नगर
2024 2,50,000 15% 2,000 60% टोंक रोड, अजमेरी गेट
कर रहे हैं जागरूक
शहर में 10 हजार से ज्यादा वाहन ऐसे हैं जिनमें गलत मोबाइल नंबर दर्ज हैं। सभी वाहन स्वामियों को जागरूक किया जा रहा है और आरसी अपडेट करवाने को कहा जा रहा है। -राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम

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