scriptराजस्थान में इस बीमारी की चपेट में आई हजारों महिलाएं, सबसे ज्यादा खतरा इन जिलों में, यह है सबसे बड़ा कारण | Thousands of women in Rajasthan are affected by this disease, the highest risk is in these districts, unsafe sex is the biggest reason | Patrika News
जयपुर

राजस्थान में इस बीमारी की चपेट में आई हजारों महिलाएं, सबसे ज्यादा खतरा इन जिलों में, यह है सबसे बड़ा कारण

कई इलाकों में हालात चिंताजनक है। जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं यह दर्द झेल रहीं है।

जयपुरMay 27, 2025 / 11:55 am

Manish Chaturvedi

एआई जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर

एआई जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। कई इलाकों में हालात चिंताजनक है। जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं यह दर्द झेल रहीं है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने प्रदेश में 50 स्थानों पर सर्वे किया है। जिसमें 15 लाख से ज्यादा महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई है। इस सर्वे में 3100 से अधिक महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित पाई गई है।
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इनमें बांसवाड़ा में सबसे ज्यादा 726 केस सामने आए है। इसके अलावा जालोर, सिरोही व आस पास के इलाकों में भी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा शिकार होना पड़ रहा है। असुरक्षित यौन संंबंध का सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण माना जाता है।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिले…

बांसवाड़ा: 726 महिलाएं

जालोर: 388 महिलाएं

सिरोही: 385 महिलाएं

चूरू: 301 महिलाएं

राजसमंद: 121 महिलाएं

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— 100 से ज्यादा केस वाले अन्य जिले…

बाड़मेर: 159 महिलाएं

भीलवाड़ा: 110 महिलाएं

जैसलमेर: 154 महिलाएं

— मुख्य जिलों के यह है हालात…

जयपुर शहर: 14 महिलाएं

जयपुर ग्रामीण: 41 महिलाएं
जोधपुर शहर: 67 महिलाएं

जोधपुर ग्रामीण: 4 महिलाएं

कोटा: 5 महिलाएं

अजमेर: 70 महिलाएं

उदयपुर: 10 महिलाएं

बीकानेर: 9 महिलाएं

सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण..

सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण है यौन संक्रामक ह्यूमन पैपिलोमा वायरस। यह वायरस असुरक्षित यौन संबंधों और साफ-सफाई की कमी के चलते फैलता है। खास बात यह है कि सर्वाइकल कैंसर 99 फीसदी मामलों में एचपीवी वायरस की वजह से होता है। कमजोर इम्युनिटी, धूम्रपान और बिना स्क्रीनिंग के वर्षों तक संक्रमण का पता न लगना इस वायरस को और खतरनाक बना देता है।

— क्या करना चाहिए बचाव के लिए..

किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन देना चाहिए (9-26 साल की उम्र तक उपयुक्त)

महिलाओं को समय-समय पर पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट करवाना चाहिए।

यौन संबंधों में सावधानी बरतना और स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
जागरूकता अभियान चलाना और ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग बढ़ाना आवश्यक है।

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