चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीष कुमार ने विभागीय बैठकों के माध्यम से निर्देश दिए कि जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, गंगानगर और हनुमानगढ़ जैसे संवेदनशील जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत किया जाए। इन जिलों में तैनात किए गए सीनियर रेजिडेंट्स को संबंधित मेडिकल कॉलेजों द्वारा प्रशासनिक नियंत्रण केंद्रों के साथ समन्वय कर तैनात किया जाएगा।
आपात स्थिति में नहीं मिलेगा अवकाश
आपदा प्रबंधन की तैयारी के तहत राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए संवेदनशील जिलों में कार्यरत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिससे स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके।
सभी अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की समीक्षा
सीमावर्ती अस्पतालों में आईसीयू और अन्य महत्वपूर्ण कक्षों में चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाइयां और उपभोग्य सामग्रियों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया गया है। उपकरण स्टॉक रजिस्टर का सत्यापन भी अनिवार्य किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं को युद्धस्तर पर सुदृढ़ करने की तैयारी
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई आपदा प्रबंधन कार्य योजना के तहत अस्पतालों में लॉजिस्टिक्स से लेकर मानव संसाधन तक की विस्तृत व्यवस्थाएं की गई हैं। तैनात सभी चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है और उनकी दैनिक रिपोर्टिंग की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है। राजस्थान सरकार का यह निर्णय सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के साथ-साथ किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तत्परता का संकेत देता है।