आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसओजी के उप महानिरीक्षक परिस देशमुख के सुपरविजन में टीम का गठन किया था। टीम ने सुशील को पकड़ने के लिए गाजियाबाद, दिल्ली व अन्य संभावित स्थानों पर पूर्व में कई बार दबिश दी। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी तिनसुकिया, जोरहाट (असम) व दीमापुर (नगालैंड) में रह रहा है।
पुलिस ने भनक लगते ही नेपाल भागा
पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह काठमांडू नेपाल भाग गया। इस पर एसओजी टीम पीछा करते हुए नेपाल पहुंच गई और कई जगह दबिश दी। हालांकि आरोपी स्थान बदलता रहा। पुलिस टीम ने उसे नेपाल बॉर्डर के पास रक्सौल से पकड़ लिया। इस ऑपरेशन में कांस्टेबल हुकम सिंह की विशेष भूमिका रही। प्रतिबंधित दवाइयों की करता था सप्लाई
सुशील करनानी ने बायोमैक्सटार फार्मास्युटिकल्स दीमापुर, नगालैंड के नाम से फर्जी फर्म बना रखी थी। इसके द्वारा हिमालया मेडिटेक प्रा.लि. देहरादून नाम की फर्म से नशीली प्रतिबंधित दवाइयां ट्रॉमाडोल टेबलेट्स एवं कैप्सूल और अल्प्राजोलम टेबलेट्स एवं कैप्सूल क्रय कर अजमेर के अलवर गेट व रामगंज स्थित गोदामों से जयपुर व अजमेर स्थित विभिन्न फर्मों को अवैध रूप से सप्लाई करता था।