बैठक में धूमन सिंह कीरमिच ने हरियाणा में वैदिक सरस्वती नदी के पुनर्जीवन पर किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति दी। वहीं, जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने बताया कि सरस्वती नदी युगों से राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्रों में भूमिगत रूप से बह रही है और अब इसे पुनर्जीवित कर धरातल पर लाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में इस दिशा में हरियाणा सरकार के साथ मिलकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से राजस्थान के सूखे क्षेत्रों को हराभरा बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।
राज्य सरकार ने इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूत किया है। ‘राइजिंग राजस्थान’ कार्यक्रम के तहत 9 दिसंबर 2024 को राजस्थान सरकार और डेनमार्क दूतावास के बीच सरस्वती नदी के पेलियोचैनल्स के पुनरुद्धार के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुए। यह सहयोग राजस्थान के जल सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के लक्ष्यों में भी योगदान देगा। इस दिशा में डेनमार्क दूतावास के प्रतिनिधियों के साथ आगामी 29 अप्रैल को एक और बैठक प्रस्तावित है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय और राज्य भूजल विभागों को भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) जोधपुर और आईआईटी बीएचयू ने इस परियोजना में भागीदारी के लिए अपनी सहमति दे दी है।
बैठक के दौरान स्पष्ट किया गया कि राज्य सरकार अंतर्राज्यीय जल संसाधनों के विषय में पूरी तरह सजग है और सरस्वती नदी के पुनर्जीवन के इस ऐतिहासिक कार्य को पूर्ण गंभीरता से आगे बढ़ा रही है।