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जयपुर

RGHS : आरजीएचएस में दो और घोटालों का खुलासा, दवाओं के नाम पर बंटे रहे आयुर्वेदिक च्यवनप्राश, जानें और क्या है?

RGHS Scams : राजस्थान में संचालित राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में अब दो नए खुलासे हुए हैं। हैरान कर देने वाले है यह घोटाले। जानें क्या हुआ?

जयपुरJul 31, 2025 / 10:22 am

Sanjay Kumar Srivastava

RGHS two more new scams Ayurvedic Chyavanprash distributed in name of medicines know other Know what else

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

विकास जैन
RGHS Scams :
राजस्थान में संचालित राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। योजना में अब दो नए खुलासे हुए हैं। पहले मामले में राज्य के 36 दवा स्टोर ने योजना में स्वीकृत नहीं होने के बावजूद केसरी जीवन प्रॉडक्ट (च्यवनप्राश) आरजीएचएस लाभार्थियों को देकर उनकी बिलिंग कर दी। इनमें विधानसभा और सचिवालय के स्टोर भी शामिल हैं। दूसरा मामला राजधानी के पुरानी बस्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़ा है। यहां तैनात कई चिकित्सकों की हस्ताक्षरयुक्त पर्चियों पर अज्ञात व्यक्तियों ने अपनी हैंडराइटिंग से दवाइयां जोड़ ली। इनमें से कुछ तो ऐसी भी हैं, जिन पर चिकित्सक ने सिर्फ जांच लिखी थी।

स्टोर का भुगतान अस्थायीतौर पर निलंबित

कई चिकित्सकों ने राजस्थान सरकार को लिखित में जवाब दिया है कि उनकी हस्ताक्षरित पर्चियों पर किसी और की हैंडराइटिंग से अतिरिक्त दवाइयां जोड़ी गईं। मुख्य सचिव को भेजी गई एक शिकायत पर औषधि नियंत्रण संगठन की जांच में यह खुलासा हुआ है। जांच में खुलासा होने पर च्यवनप्राश बांटने वाले स्टोर का भुगतान अस्थायीतौर पर निलंबित कर दिया गया है।
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कई चिकित्सकों ने सरकार को लिखित में दिया जवाब। फोटो पत्रिका

डॉक्टर बोले…हमारी हैंडराइटिंग नहीं है यह

डॉक्टर फुरकान अजीज अख्तर
ना तो मेरी हैंडराइटिंग और ना ही मेरे हस्ताक्षर है, लेकिन मेरे नाम, गलत हस्ताक्षर व मेरे नाम की गलत मुहर लगाई गई है।
डॉ.मधु गुप्ता (बंसल)
मेरी हैंडराइटिंग नहीं है, उसमें किए गए हस्ताक्षर मेरे मूल हस्ताक्षर जैसे हैं, लेकिन वे मैंने नहीं किए हैं।

डॉ.विजय शंकर शर्मा
हस्ताक्षर मेरे जैसे हैं, पर हैंडराइटिंग मेरी नहीं है।

डॉ.अंजुकुमारी
हस्ताक्षर मेरे हैं, उन पर लिखी दवाइयां मेरी हैंडराइटिंग में नहीं है।
डॉ.दीपा गर्ग
मेरी हैंडराइटिंग नहीं है, हस्ताक्षर को पहचानना भी मुश्किल है।

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जयपुर के इन कॉनफेड ने बांट दिए च्यवनप्राश। ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

क्रय विक्रय सहकारी समितियां

1- फलौदी, 2- हिंडौन, 3- धौलपुर, 4- सीएचसी कुम्हेर, 5- सीएचसी, कोटपूतली
अन्य स्टोर
1- बीएसयूडबल्यूबी लिमिटेड शॉप नंबर 17, नोखा, बीकानेर
2- बीएसयूडबल्यूबी लिमिटेडर शॉप नंबर 11, सेटेलाइट अस्पताल, बीकानेर
3- स्टोर आयुर्वेदिक मेडिकल ब्रांच, जिला अस्पताल, भीलवाड़ा
4- बीएसयूडबल्यूबी लिमिटेड पीबीएम अस्पताल बीकानेर
5- बीएनके सहकारी होलसेल उपभोक्ता भंडार, आयुर्वेदिक काउंटर, ब्यावर
6- मेडिकल ब्रांच 1 गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल, सवाईमाधोपुर
7- बीएसयूबी आयुर्वेदिक मेडिकल शॉप, ओल्ड आयुर्वेदिक हॉस्पिटल बारां
8- बीआर नंबर 2, 3, 4,6 सांवरिया हॉस्पिटल, चित्तौड़
9- एचएसयूबी लिमिटेड ब्रांच आयुर्वेदिक, गवर्नमेंट आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, पीलिबंगा
10- दुकान नंबर 2, जनरल हॉस्पिटल बूंदी
11- बीएसयूबी डबल्यूबी लिमिटेड दुकान नंबर 21 श्री डूंगरगढ़
12- मेडिकल ब्रांच गवर्नमेंट हॉस्पिटल गंगापुर सिटी
13- बीएसयूडबल्यूबी सीएचसी छबड़ा
14- एएसयूडबल्यू बी, नया बाजार, अजमेर
15- मेडिकल शॉप नंबर 11 सीएचसी तारानगर
16- मेडिकल शॉप नंबर 12 सीएचसी सरदारशहर
17- बीआर निम्बाहेड़ा 9, 48 स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट हॉस्पिटल निम्बाहेड़ा।

फार्मेसी और डॉक्टरों की मिलीभगत

कुछ मामलों में फार्मेसी और डॉक्टरों की मिलीभगत से संगठित गिरोह बन गया, जो लाभार्थियों के नाम पर फर्जी दवाएं, पर्चियां और बिल जनरेट कर रहे थे। ऐसे अस्पताल भी चिन्हित किए गए हैं, जहां लाभार्थी की बीमारी केवल ओपीडी स्तर पर उपचार योग्य होने के बावजूद 24 घंटे के लिए भर्ती दिखाया गया है। कई लाभार्थियों ने डॉक्टरों की फर्जी पर्चियों के आधार पर फार्मेसी से दवाओं के बिल उठाए हैं, जबकि वास्तविकता में न तो दवा खरीदी गई और न ही लाभार्थी ने उसका उपभोग किया।
शिप्रा विक्रम, परियोजना अधिकारी, आरजीएचएस
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गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री। फोटो पत्रिका

करीब 400 करोड़ की और राशि के भुगतान की योजना

अस्पतालों की 350 करोड़ से अधिक की बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है। आगामी माह में 300 से 400 करोड़ की और राशि के भुगतान की योजना है।
गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री

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