इस अवसर पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने अपने संबोधन में विदेशी मेहमानों से राजस्थान में बड़ी संख्या में आने का आह्वान करते हुए कहा, “राजस्थान केवल एक ट्रैवल मार्ट नहीं, बल्कि संभावनाओं का मंच है।
” उन्होंने कहा कि हम भारत मंडपम की तर्ज पर जल्द ही जयपुर में राजस्थान मंडपम् तैयार कर रहे हैं। इसकी भव्यता निश्चित ही राजस्थान में पर्यटन के नए आयाम स्थापित करेगी।
दिया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। नई सड़कें, हाईवे, रेलवे नेटवर्क और एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। ग्रामीण पर्यटन, वन्य पर्यटन, और नए क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
समारोह में केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और कला मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती पारिदा, भारत सरकार के पर्यटन महानिदेशक सुमन बिल्ला, तथा फिक्की टूरिज्म कमेटी की मेंटर डॉ. ज्योत्ना सूरी सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू एमआईसीई कंपनियों के प्रतिनिधि, राज्य सरकारों के अधिकारी, टूर ऑपरेटर, प्रदर्शक और पर्यटन क्षेत्र के अन्य हितधारक शामिल थे।
इस सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान की समृद्ध विरासत को दर्शाते हुए “पधारो म्हारे देश” की सुरमयी गूंज के साथ पारंपरिक लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां हुईं, जिसने देशी-विदेशी मेहमानों का मन मोह लिया। कार्यक्रम ने न केवल राजस्थान की अतिथि सत्कार परंपरा को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया, बल्कि राज्य को पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर और अधिक सशक्त रूप में प्रस्तुत किया।