दो चरण में काम
1- पहले चरण में चूरू, सीकर, झुंझुनूं में पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपलब्ध होगा।2- दूसरे चरण में चूरू जिले में 35000 हेक्टेयर और झुंझुनूं जिले में 70000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी देंगे।
3- ताजेवाला हैड से 3 अलग-अलग पाइपलाइन के जरिए पानी लाया जाएगा। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाला हैड) पर खुद का पंप हाउस (इन्टेक) बनाएंगे, ताकि पानी वितरण को लेकर किसी तरह की निर्भरता नहीं रहे।
प्रोजेक्ट को यों समझें…263 किमी लम्बाई, 342 हेक्टेयर जमीन होगी अवाप्त
1- राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं जिले को हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाला हैड) से 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिल सकेगा।2- इसके लिए ताजेवाला हैड से चूरू के हसियावास गांव तक सीधे पानी की लाइन बिछाई जाती है। तो इस रूट की लंबाई 263 किलोमीटर होगी। इसके लिए 342 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह अवाप्त करनी होगी। 631 हेक्टेयर जमीन में से आंशिक अवाप्ति। की जाएगी।
3- प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत करीब बीस हजार करोड रुपए आंकी गई है। हालांकि डीपीआर बनने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।