झीलों का शहर है उदयपुर
राजस्थान का एक मशहूर शहर है उदयपुर। इसे “झीलों का शहर” के नाम से भी पुकारा जाता है। बारिश में उदयपुर का शबाब और निखर आता है। उदयपुर अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई है। उदयपुर में पिछोला, फतेह सागर और उदय सागर झीलें बारिश के मौसम में पानी से लबालब भर जाती हैं। उसके बाद तो जो दृश्य नजर आता है वह पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देता है। नाव में बैठकर जब आप लेक पैलेस (जग निवास) और जग मंदिर का नजारा देखते है तो वह और भी मनमोहक हो जाता है।
2- अरावली की पहाड़ियां पर ट्रैकिंग या हल्की पदयात्रा का आनंद लिया जा सकता है। प्रकृति की शांति को बेहद करीब से महसूस किया जा सकता है।
3- सहेलियों की बाड़ी एक खूबसूरत उद्यान है। यह घूमने के लिए एक आदर्श स्थान है।

राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू
राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू है। बारिश के वक्त माउंट आबू हरियाली से भरा रहता है। धुंध से ढके पहाड़ और ठंडी हवाएं शरीर में सिरहन पैदा करती हैं। माउंट आबू के मशहूर स्थानों में नक्की झील, गुरु शिखर, दिलवाड़ा जैन मंदिर व टोड रॉक और नन रॉक हैं। इसके अलावा मॉनसून के दौरान बर्ड वॉचिंग, नेचर वॉक जैसी ऐक्टिविटीज में कर सकते हैं। आंकड़ों की बात करें तो माउंट आबू में औसतन 153 सेमी वार्षिक बारिश होती है।
राजस्थान का चेरापूंजी बांसवाड़ा
राजस्थान का चेरापूंजी के बारे में अगर पूछा जाएगा तो इसका सिर्फ एक ही उत्तर है बांसवाड़ा। बांसवाड़ा को सौ द्वीपों का शहर भी पुकारते हैं। मानसून के वक्त जब झमाझम बारिश होती है तो बांसवाड़ा की एक अलग छटा नजर आती है। माही नदी के तट पर बसा बांसवाड़ा छोटे-छोटे द्वीपों का शहर है। पर्यटकों के लिए यहां का माही डैम स्वर्ग बन जाता है। बांसवाड़ा का प्रमुख आकर्षण प्रमुख माही बांध, मानगढ़ धाम, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर और सिंगपुरा हैं। बांसवाड़ा को धूमने पर जहां धार्मिक आस्था से मन को शांति मिलती है वहीं सुंदरता मन-तन लुभाती है। आंकड़ों की बात करें तो बांसवाड़ा में करीब 900 मिमी से अधिक बारिश होती है।