Rajasthan Mock Drill: पाक से तनाव के बीच राजस्थान में प्रशासन अलर्ट, जानिए एयर सायरन बजने के बाद आपको क्या करना है
Civil Defence Training: “अगर सीमा क्षेत्र में मॉक ड्रिल की आवश्यकता हुई, तो वहां भी तैयारी की जाएगी। गांवों को खाली कराने की स्थिति आती है, तो उस पर भी विचार किया जाएगा।”
India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजस्थान में सुरक्षा तैयारियों को लेकर हलचल तेज हो गई है। 7 मई को प्रदेश के 28 जिला मुख्यालयों पर मॉक ड्रिल की जाएगी, जिसके तहत मंगलवार को कई शहरों में अभ्यास शुरू कर दिया गया।
जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर समेत कई जगहों पर सायरन बजाकर परीक्षण किया गया और आमजन को सचेत किया गया। जोधपुर में 400 स्वयंसेवकों को कॉलोनियों में भेजा गया है, वहीं जैसलमेर के हॉस्टलों में बच्चों को आतंकी हमलों से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया। पूरे प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और हर स्तर पर तैयारी जारी है।
जोधपुर: 400 स्वयंसेवक कॉलोनियों में जाकर करेंगे जागरूक
जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि सात मई को मॉक ड्रिल कराई जाएगी। इस मॉक ड्रिल में एयर साइरन्स बजाए जाएंगे। इसके बाद आम जनता को यह बताया जाएगा कि एयर सायरन बजने के बाद अपने को क्या करना है। एयर सायरन बजते हैं तब एक एयर रेड की आशंका होती है।
कहीं पर बम फटता है तो इस दौरान यथासंभव खुले स्थान पर जाना होता है। सिविल सर्विस के 400 स्वयंसेवक हैं। इनको भी आज सभी कॉलोनियों व बस्तियों में भेजा जाएगा। ताकि वहां लोगों को जागरूक कर सकें। आम जनता को बताया जाएगा कि जब एयर सायरन बजेगा तब किस प्रकार की कार्रवाई करनी है।
जैसलमेर: हॉस्टल के छात्रों को दी ट्रैनिंग
गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत विनायक हॉस्टल में सुरक्षा अभ्यास शुरू किया गया। जैसलमेर जिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत आतंकवादी हमलों या आपात स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल्स कराई जा रही हैं।
विनायक हॉस्टल, जो आरएस पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से संबद्ध है, में बच्चों को सुरक्षा के विशेष अभ्यास करवाए गए। हॉस्टल वार्डन जेठाराम ने बताया कि हमारे हॉस्टल में कक्षा दूसरी से लेकर दसवीं तक के बच्चे रहते हैं। हमने बच्चों को अच्छे से प्रशिक्षण दिया है।
जब से देश में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं, हमने बच्चों को सजग और सतर्क रहना सिखाया है। उन्होंने बताया कि यदि बम धमाका या कोई आपात स्थिति होती है, तो बच्चों को तीन फीट की ऊंचाई से नीचे ज़मीन पर उल्टा लेटने, अपने कान बंद करने और तुरंत लाइट बंद करके छिपने के निर्देश दिए जाते हैं।
बीकानेर: अगर सीमा क्षेत्र में मॉक ड्रिल की आवश्यकता हुई, तो वहां भी तैयारी
आज ज़िला कलक्टर नम्रता वृश्णि और पुलिस अधीक्षक कवेंद्र सिंह सागर ने संयुक्त रूप से नागरिक सुरक्षा कार्यालय (CivilDefenseOffice) और मॉक ड्रिल (अभ्यास ड्रिल) की तैयारियों का निरीक्षण किया। ज़िला कलेक्टर ने कहा कि “हमने मॉक ड्रिल के लिए जो भी निर्देश प्राप्त किए हैं, उसके अनुसार सारी तैयारियां की जा रही हैं।
हमारी सभी सुविधाएं अलर्ट मोड पर हैं। हमारे पास कितनी सायरन मशीनें हैं, उनके स्टेटस की भी जानकारी ली गई है। जो भी नागरिक सुरक्षा उपकरण हमारे पास हैं, वे सभी कार्यशील और उपयुक्त स्थिति में हैं। पुलिस विभाग के पास भी सभी जरूरी उपकरण हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार से आगे जो भी निर्देश मिलते हैं, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हमारे ओआईसी (OIC) के पास पहले से स्टॉक की पूरी जानकारी है और उसका भली-भांति निरीक्षण कर लिया गया है। अगर सीमा क्षेत्र में मॉक ड्रिल की आवश्यकता हुई, तो वहां भी तैयारी की जाएगी। गांवों को खाली कराने की स्थिति आती है, तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
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