बता दें कि अब जयपुर रिंग रोड के दक्षिणी गलियारे में बगराना टोल प्लाजा से करीब 200 मीटर पहले स्थानीय निवासियों ने अवैध रूप से एक कच्ची सड़क बना दी है। जो रिंग रोड के पास स्थित गंगा मार्ग को सीधे जोड़ती है।
वाहन हाई स्पीड ट्रैफिक में सीधे घुस रहे
इस अवैध रास्ते के साथ ही डिवाइडर की स्लैब भी हटाई गई हैं, जिससे विपरीत दिशा से आने वाले वाहन हाई स्पीड ट्रैफिक में सीधे घुस रहे हैं। वाहन बिना किसी ट्रैफिक सिग्नल के वहां से यूटर्न ले रहे हैं और तेज रफ्तार ट्रैफिक में शामिल हो रहे हैं। वहीं, दोपहिया वाहन चालक मीडियन कट में बने संकरे गैप का फायदा उठाकर दूसरी दिशा में घुस जाते हैं।
रिंग रोड पर तेज रफ्तार से चलती हैं गाड़ियां
रिंग रोड एक्सप्रेसवे की तरह है। जहां गाड़ियां बहुत तेज चलती हैं। ऐसे में अगर सामने अचानक कोई वाहन आ जाए तो नियंत्रण खोना तय है। एलपीजी टैंकर हादसे वाली जगह पर तो सिग्नल था, लेकिन यहां तो अवैध मेडियन कट है, कोई सिग्नल भी नहीं।
एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने क्या बताया
एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय आर्य ने बताया, मुझे इस अवैध कट के बारे में जानकारी नहीं थी। ऐसा लगता है कि स्थानीय लोगों ने स्लैब हटा दी है। यह मीडियन कट आपातकालीन स्थिति के लिए बनाई गई थी। हम तुरंत इस समस्या का समाधान करेंगे।
जान जोखिम में डाल रहे लोग
वहीं, ट्रैफिक विभाग का कहना है कि गंगा मार्ग के निवासियों को अगर सीधे रिंग रोड पर आना हो तो उन्हें लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। छोटे से अवैध रास्ते और कट से वे समय बचा रहे हैं, लेकिन अपनी जान जोखिम में डालकर।
गौरतलब है कि रिंग रोड जैसी हाई स्पीड सड़कों पर अवैध कट और यू-टर्न न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि जानलेवा साबित हो सकते हैं। NHAI और ट्रैफिक पुलिस को तत्काल कार्रवाई कर इन अवैध रास्तों को बंद करवाना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और जानमाल का नुकसान न हो।