नरेश मीणा को जमानत के बाद भी काटनी होगी जेल, इस चर्चित केस में राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत
Naresh Meena SDM Slapping Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुए चर्चित एसडीएम थप्पड़कांड में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को जमानत दे दी है।
Naresh Meena SDM Slapping Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुए चर्चित एसडीएम थप्पड़कांड में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को जमानत दे दी है। हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान नरेश की ओर से एडवोकेट डॉ. महेश शर्मा, फतेहराम मीणा और लाखन सिंह मीणा ने पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
वहीं, सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में गलत उदाहरण पेश करती हैं। हाईकोर्ट ने जमानत तो दी, लेकिन हिंसा के अन्य मामले में जमानत खारिज होने के कारण नरेश को अभी जेल में रहना होगा। अगली सुनवाई जल्द होने की संभावना है।
एकलपीठ ने जमानत याचिका की मंजूर
जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर कर ली। यह मामला नगरफोर्ट थाने में दर्ज FIR 166/24 से संबंधित है, जिसमें पुलिस ने पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि, समरावता गांव में 13 नवंबर 2024 की रात हुई हिंसा और आगजनी के मामले में उनकी जमानत याचिका पहले खारिज हो चुकी है, जिसके चलते वे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
यहां देखें वीडियो-
13 नवंबर 2024 का है मामला
बता दें, यह मामला 13 नवंबर 2024 को समरावता गांव में हुआ था, जब नरेश मीणा ने कथित तौर पर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें पथराव, आगजनी और पुलिस के साथ झड़प हुई थी। नरेश मीणा ने मतदान में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एसडीएम पर यह हमला किया था।
उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए, जिसमें कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में नरेश मीणा सहित 63 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 नवंबर 2024 को नरेश को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इसके बाद, 6 फरवरी 2025 को पुलिस ने यूनियारा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।