‘मंत्री पुत्र’ तंज पर धनंजय का करारा जवाब
विधायक जयदीप बिहाणी द्वारा शुक्रवार को की गई टिप्पणी, ‘मंत्री पुत्र’, ‘सरपंच पति’ इस देश की बड़ी समस्या हैं। इस पर धनंजय सिंह ने सीधा जवाब देते हुए कहा कि क्या किसी डॉक्टर के बेटे को ‘डॉक्टर-पुत्र’ कहा जाता है? या व्यापारी के बेटे को ‘व्यापारी-पुत्र’? फिर ‘मंत्री पुत्र’ की रट क्यों लगाई जा रही है? उन्होंने इसे समाज की अपरिपक्व सोच का प्रतीक बताते हुए कहा कि आलोचना होनी चाहिए, पर तथ्यों पर आधारित और शालीनता से।
‘मेरी पहचान कर्मों से है, स्टिकर से नहीं’
बिहाणी द्वारा बेटा MLA का स्टिकर लगाकर घूमता है वाले तंज का जवाब देते हुए धनंजय सिंह ने कहा कि मुझे अपने पिता पर गर्व है, लेकिन मेरी गाड़ी पर न ‘मंत्री पुत्र’ लिखा है और न ही ‘MLA’। मेरी पहचान मेरी मेहनत और कर्मों से है, न कि विरासत से। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत टिप्पणियों से क्रिकेट जैसे गंभीर विषय से ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है। अगर उद्देश्य RCA का सुधार है, तो बहस मुद्दे पर होनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत व्यंग्य पर।
‘मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता’
धनंजय ने कहा कि वे भाजपा के समर्पित और सक्रिय कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार के दौर में भी क्रिकेट में बदलाव की कोशिशें की थीं। मैं आपसे छोटा ज़रूर हूं, लेकिन पार्टी में ज़्यादा निरंतरता और समर्पण से काम करता आया हूं। कांग्रेस काल में वैभव गहलोत जैसे नेताओं से भिड़कर व्यवस्था को चुनौती दी थी।
एक दिन पहले बिहाणी ने क्या कहा था?
RCA की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर और बीजेपी विधायक जयदीप बिहाणी ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह और एडहॉक कमेटी के कुछ सदस्यों पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्री पुत्र और सरपंच पति बड़ी समस्या हैं। मैं भी विधायक हूं, लेकिन मेरा बेटा ‘MLA’ का स्टिकर लगाकर नहीं घूमता, न ही किसी ऑफिस में फोन करता है। जनता में गजेंद्र सिंह खींवसर का प्रभाव है, उनके बेटे का नहीं। धनंजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए बिहाणी ने कहा कि मैंने तालिबानी तरीके से नहीं, बल्कि धनंजय ने पाकिस्तानी हुक्मरान की तरह काम किया है। उन्होंने दावा किया कि RCA की 35 सदस्यीय एजीएम में 32 सदस्य हैं, जिनमें से 18 का समर्थन उनके पास है। बिहाणी ने कहा कि बहुमत उनके साथ है और नियमों के खिलाफ काम करने वाले जिला संघों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई
बिहाणी ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले एक साल में BCCI ने RCA को करीब 57.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। अगर हम काम नहीं करते, तो क्या BCCI हमें इतनी बड़ी राशि देती? उन्होंने कहा कि यह राशि क्रिकेटरों, अंपायरों, पेंशन और अन्य मदों में खर्च की गई है। धनंजय सिंह गुट के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए बिहाणी ने कहा कि एडहॉक कमेटी केवल चुनाव कराने के लिए नहीं बनी। RCA एक्ट, स्पोर्ट्स एक्ट और कानूनी राय के अनुसार, यह कमेटी एक निर्वाचित कमेटी की तरह काम कर सकती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर धनंजय गुट को आपत्ति थी, तो पिछले तीन महीनों से ही क्यों? जब कमेटी राजस्थान में क्रिकेट आयोजन कर रही थी, तब यह मुद्दा क्यों नहीं उठा?
मुख्य विवाद की जड़ क्या?
बता दें, RCA की एडहॉक कमेटी का गठन क्रिकेट संचालन और चुनाव करवाने के लिए हुआ था। लेकिन धनंजय सिंह खींवसर सहित कुछ सदस्य कमेटी की वैधता और फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, जयदीप बिहाणी गुट का दावा है कि कमेटी पूर्ण अधिकारों के साथ कार्य कर सकती है।