बता दें कि यह अभियान 1 नवंबर 2023 से शुरू किया गया था, ताकि अपात्र लोगों को हटाकर असली जरूरतमंदों को इसका लाभ दिया जा सके। मंत्री ने बताया कि पहले योजना की अधिकतम सीमा 4.46 करोड़ लाभार्थियों की पूरी हो चुकी थी। इस वजह से नए पात्र लोग सूची में नहीं जुड़ पा रहे थे। गिवअप अभियान के तहत अपात्र लोग स्वेच्छा से हटे तो नई जगह बनी। जयपुर जिले में भी 2 लाख से ज्यादा अपात्र लाभार्थियों ने खुद नाम वापस लिया है।
51 लाख नए पात्र लाभार्थी जुड़े
सरकार ने 26 जनवरी 2024 से खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल खोला, जिसके जरिए अब तक 51 लाख नए पात्र लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जा चुका है। मंत्री के मुताबिक, यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल है। उन्होंने कहा कि अपात्र लोग योजना छोड़कर जरूरतमंदों के लिए जगह छोड़ रहे हैं, जिससे सरकारी सहायता सही हाथों तक पहुंच सके।
इन्हें सूची से हटाया गया
हालांकि, योजना में 27 लाख ऐसे लाभार्थी भी थे जिन्होंने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई। उनकी पहचान स्वचालित रूप से अपूर्ण रही, जिस कारण उनका नाम सूची से हट गया। मंत्री ने अपील की कि सभी पात्र लाभार्थी समय पर ई-केवाईसी कराएं, ताकि उन्हें योजना का लाभ बिना रुकावट मिलता रहे। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि खाद्य सुरक्षा योजना का फायदा केवल उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसकी जरूरत रखते हैं।