डीसीपी (पश्चिम) हनुमान प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में भरतपुर निवासी विमलेश कुमारी, गुड्डी, अंजू, सुरेंद्र सिंह और अलवर निवासी पूजा, मधु, ऋषि कुमार शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि गैंग सोशल मीडिया से देशभर में होने वाले धार्मिक आयोजनों का पता लगाकर शहर का चयन कर वारदात को अंजाम देता था।
दिल्ली से ओंकारेश्वर तक किया पीछा
पुलिस ने घटनास्थलों के सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों की पहचान की। उनका रूट ट्रेस कर पुलिस दिल्ली पहुंची, लेकिन वहां से गैंग ग्वालियर होते हुए ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुंच गई थी। अंत में पुलिस ने पूरे गिरोह को डिग्गी कल्याणजी से दबोच लिया।
पकड़े जाने पर पुरुष साथी करते थे सुरक्षा
गैंग की महिलाओं के साथ मौजूद पुरुष साथी उन्हें सुरक्षा प्रदान करते थे। चेन तोड़ने के बाद महिलाएं चेन उन्हें सौंप देती थीं और अगर कोई परेशानी होती, तो ये पुरुष बीच-बचाव कर उन्हें बचा ले जाते थे। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि लूटी गई चेनें कहां बेची जाती थीं और उनसे जुड़ा कोई सोना खरीदने वाला गिरोह तो नहीं है।
धार्मिक वेशभूषा में करती थी लूट
गैंग की महिलाएं धार्मिक आयोजनों जैसे कलश यात्रा, जलाभिषेक और भागवत कथा में भाग लेती थीं। पारंपरिक साड़ी और सिर ढंके हुए वे बड़ी सहजता से भीड़ में शामिल हो जाती थीं। इसके बाद वे बेहद चालाकी से महिलाओं की सोने की चेन तोड़ पास खड़े पुरुष साथियों को सौंप देती थीं। गैंग ने हाल ही में झाडखंड महादेव मंदिर और प्रसिद्ध डिग्गी कल्याणजी की पदयात्रा में भी कई वारदातों को अंजाम दिया था। वारदात के बाद ये लोग तुरंत शहर छोड़ देते थे।