सिर्फ गेहूं ले रहे ग्रामीण
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2015 में 500 अन्नपूर्णा भंडार खोलने से पहले न कोई सर्वे किया और न ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थानीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को देखा। भंडारों पर स्थानीय जरूरतों के विपरीत महंगी ब्रांडेड उपभोक्ता सामग्री रखी गई। इसे खरीदना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बूते नहीं था। राशन दुकानों से लाभार्थियों ने गेहूं तो लिया, लेकिन अन्नपूर्णा भंडार पर सामग्री खरीदने से दूरी बनाए रखी।एक साल में ही बंद सभी भंडार
अन्नपूर्णा भंडार में महंगी ब्रांडेड सामग्री से ग्रामीणों की दूरी, बिक्री नहीं होने पर लाखों रुपए की देनदारी या नुकसान होने के कारण राशन डीलर्स परेशान हो गए। सरकार की ओर से अधिकृत फर्म से सामग्री लेना बंद कर दिया गया तो सभी 500 अन्नपूर्णा भंडार बंद कर दिए गए।Good News : राजस्थान में आइआइटी की तर्ज पर होंगे अब RIT, इनमें ये 4 इंजीनियरिंग कॉलेज हुए शामिल
दोबारा खोलने का विरोध
करीब 10 साल बाद विभाग फिर से प्रदेश में राशन की 5 हजार दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार खोलने की तैयारी कर रहा है। इस पर योजना का दबी जुबां में राशन डीलर्स ने विरोध करना शुरू कर दिया है। डीलर्स अन्नपूर्णा भंडार चलाने के पुराने अनुभव से डरे हुए हैं। हालांकि विभाग इस बार अन्नपूर्णा भंडारों को खोलने से पहले राशन डीलर्स से सुझाव लेने की बात कह रहा है। जयपुर जिले में 1 हजार अन्नपूर्णा भंडार खोले जाएंगे।राजस्थान के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से चौंकाने वाली खबर, एक साल में 16 बाघ-बाघिन लापता
पिछला अनुभव ठीक नहीं रहा
वर्ष 2015 में राशन दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार संचालन के पिछले अनुभव की बात करें तो यह अनुभव ठीक नहीं रहा। इस बार राशन डीलर्स को अन्नपूर्णा भंडार खोलने से पहले सुझाव देने के लिए अब बुलाया जा रहा है।डिंपल कुमार शर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उचित मूल्य दुकानदार संघ