विधानसभा से ऑनर किलिंग के खिलाफ विधेयक वर्ष 2019 में पारित हुआ, जबकि मिलावटखोरों पर सख्ती के लिए दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक वर्ष 2021 में पारित हुआ। इनके अलावा राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजे गए दो और विधेयक भी केन्द्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल रखे हैं।
राष्ट्रपति की मंजूरी की प्रक्रिया
राज्यपाल विधानसभा से पारित विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजता है। केन्द्र सरकार इनका परीक्षण कर राष्ट्रपति भवन भेजती है। राजस्थान सम्मान और परम्परा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिबंध विधेयक -2019 विधानसभा से पारित-5 अगस्त 2019 जरुरत क्यों- युवाओं के पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार प्रभावित हो रहा है। कई बार हत्या हो जाती है। प्रावधान- ऑनर किलिंग के मामले में उम्रकैद तक सजा।
दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक- 2021 विधानसभा से पारित-18 सितम्बर 2021 जरुरत क्यों – मिलावट पर पिछले वर्ष हाईकोर्ट चिंता जाहिर कर चुका और सख्त सजा की आवश्यकता जताई। प्रावधान- खाद्य पदार्थों और औषधियों में मिलावट के जानलेवा मामलों में उम्रकैद तक सजा।
राजस्थान कारागार विधेयक-2023 विधानसभा से पारित-18 जुलाई 2023 जरूरत क्यों- अंग्रेजी शासन के 1894 के कानून में सजा पर जोर, जबकि अब सुधार पर जोर। हाईकोर्ट ने जेल सुधार के अपने निर्देशों की पालना के लिए कानून बदलने को कहा।
प्रावधान- बंदियों के मानव अधिकारों पर जोर दिया है। जेल में बंद लोगों के व्यावसायिक प्रशिक्षण व पुनर्वास जैसे पहलू शामिल हैं। राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक-2023 विधानसभा से पारित-18 जुलाई 2023
जरूरत क्यों-प्रदेश में संगठित अपराध बढ़े। इनमें शूटर, मुखबिर व हथियार सप्लायर शामिल है, गैंगवार, मादक पदार्थ तस्करी, फिरौती और जेल से गिरोह चलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रावधान-विशेष न्यायालय, लोक अभियोजक, गवाह संरक्षण तथा अपराधियों की सम्पत्ति की कुर्की।