डॉ. मीना ने अधिकारियों को वज्रपात, अतिवृष्टि, भूमि कटाव, जलभराव और संभावित आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों व संसाधनों की तैयारी रखने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि बचाव व राहत कार्यों के लिए थल सेना, वायु सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, चिकित्सा, बिजली, जल संसाधन, पशुपालन, रसद, पंचायती राज व स्थानीय स्वशासन विभाग सहित सभी इकाइयों को तैयार रखा जाए।
बैठक में “फ्लड प्लान 2025” की समीक्षा की गई और बताया गया कि आगामी 14 जून को कोटा में एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त भागीदारी होगी।
राज्य सरकार ने आपदा की स्थिति में आमजन को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तरीय हेल्पडेस्क नम्बर 1070 व 112 तथा जिला स्तरीय हेल्पलाइन 1077 को 15 जून से सक्रिय करने का निर्णय लिया है। ये हेल्पडेस्क 24 घंटे कार्यशील रहेंगी। राज्य आपातकालीन परिचालन नियंत्रण कक्ष शासन सचिवालय में जबकि जिला नियंत्रण कक्ष प्रत्येक ज़िला कलेक्ट्रेट में स्थापित किए जा चुके हैं।
बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री ने अधिकारियों को मॉनसून पूर्व सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने और ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।