scriptदुखी होकर बोले मेडिकल टीचर्स, पढ़ाई छोड़ बाकी काम में ना लगाओ, हमें शिक्षक ही रहने दो..इधर, अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा यह.. | Medical teachers said sadly, dont force us to do other work instead of teaching, let us remain teachers only.. Meanwhile ARISDA President Dr. Ajay Chaudhary said this.. | Patrika News
जयपुर

दुखी होकर बोले मेडिकल टीचर्स, पढ़ाई छोड़ बाकी काम में ना लगाओ, हमें शिक्षक ही रहने दो..इधर, अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा यह..

उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की मौत के मामले में विरोध लगातार जारी है। रेजिडेंट की कंप्लीट स्ट्राइक का आज 11 वां दिन है।

जयपुरJun 29, 2025 / 12:16 pm

Manish Chaturvedi

एआई जनरेटेड तस्वीर...

एआई जनरेटेड तस्वीर…

उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की मौत के मामले में विरोध लगातार जारी है। रेजिडेंट की कंप्लीट स्ट्राइक का आज 11 वां दिन है। उनकी मांग है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो और मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल व हॉस्टल वार्डन इस्तीफा दें। इसी बीच राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन आरएनटी मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड ग्रुप आॅफ हॉस्पिटल उदयपुर की ओर से प्रिंसिपल को लेटर दिया गया है।

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पत्र में लिखा गया कि कॉलेज में शिक्षकों पर पढ़ाई के अलावा अनेक गैर-शैक्षणिक जिम्मेदारियां डाल दी गई हैं। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है, मानसिक तनाव बढ़ रहा है और कार्य संतुलन बिगड़ रहा है। पत्र में कहा गया कि हॉस्टल वार्डन, नोडल ऑफिसर, ऑक्सीजन प्लांट, फायर फाइटिंग, यातायात, भवन निर्माण जैसे प्रशासनिक कार्य शिक्षकों को नहीं सौंपे जाने चाहिए। इसके लिए ग्रुप-2 के चिकित्सा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए ताकि शिक्षक पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान दें।
अरिस्दा अध्यक्ष डॉ चौधरी ने साधा निशाना…

ऑल राजस्थान इन सर्विसेज डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने इसे शिक्षकों की वाजिब पीड़ा बताया। उन्होंने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि शिक्षकों को प्रशासनिक जिम्मेदारियों और निजी प्रैक्टिस के कारण छात्रों को समय पर पढ़ाया नहीं जा रहा। इससे एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की “भ्रूण-हत्या” हो रही है और आने वाले वर्षों में इसके गंभीर दुष्परिणाम सामने आएंगे। चौधरी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि राजस्थान में भी केंद्र व अन्य राज्यों की तर्ज पर अनिवार्य एनपीए लागू किया जाए और शिक्षकों को केवल शैक्षणिक जिम्मेदारी दी जाए। इससे चिकित्सा शिक्षक पूरी निष्ठा से छात्रों के भविष्य निर्माण में जुट सकेंगे।
इधर, जयपुर में कल 2100 डॉक्टर रहेंगे सीएल पर..
रेजिडेंट की मौत के मामले में जयपुर में दो घंटे की पेन डाउन हड़ताल जारी है। इसके अलावा कोटा, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, झालावाड़ में कंपलीट स्ट्राइक जारी है। जयपुर में अब तक कंपलीट स्ट्राइक नहीं हो सकी है। लेकिन अब सोमवार को जयपुर में एसएमएस व अन्य संलग्न अस्पतालों में हालात बिगड़े हुए दिखाई देंगे। जार्ड एग्ज्युकेटिव मेंबर भारत पारीक ने बताया कि जयपुर में 2100 से ज्यादा रेजिडेंट सीएल लेकर अवकाश पर रहेंगे। ऐसे में इमरजेंसी से लेकर ओपीडी व वार्डों में सब जगह चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित होगी। इसके बाद कल शाम को जार्ड की मीटिंग में आगे की रणनीति तैयार होगी। रेजिडेंट का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

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