बता दें कि यह लगातार पांचवीं बार है, जब उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है। गौरतलब है कि 23 सितंबर 2024 को भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में तत्कालीन महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया गया था।
लगा था ये आरोप
उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पति सुशील गुर्जर और दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को पार्षद और महापौर दोनों पदों से निलंबित कर दिया।
कुसुम यादव कार्यवाहक महापौर नियुक्त हुईं
इसके बाद 24 सितंबर 2024 को राज्य सरकार ने कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया था। तब से उनका कार्यकाल दो-दो महीने की अवधि में लगातार बढ़ाया जा रहा है।
सरकार का यह कदम प्रशासनिक निरंतरता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि नगर निगम की दैनिक कार्यप्रणाली प्रभावित न हो। हालांकि, स्थायी महापौर की नियुक्ति को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय अब तक सामने नहीं आया है।