पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद जम्मू-कश्मीर जाने से लोग तौबा कर रहे हैं। जिन लोगों ने गर्मियों की छुट्टियों के लिए ट्रेनों में एडवांस बुकिंग कराई थी, वे टिकटों को रद्द करवा रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ा तो सामने नहीं आया है, लेकिन अलवर के रिजर्वेशन काउंटर पर रोजाना 3 से 4 लोग ऐसे आ रहे हैं जो बुकिंग निरस्त करवा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या बढऩे की उम्मीद है।
अलवर से पूजा एक्सप्रेस, शालीमार एक्सप्रेस और श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस ट्रेन जम्मू व कटरा तक जाती हैं। हर साल हजारों की संख्या में जिलेवासी इन ट्रेनों से वैष्णो देवी के दर्शनों के अलावा कश्मीर में घूमने के लिए जाते हैं। यही वजह थी कि मई-जून के लिए लोगों ने पहले ही एडवांस बुकिंग करवा रखी थी, लेकिन आतंकी के बाद लगातार लोग अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं।
पर्यटन का पीक टाइम
अप्रेल, मई और जून का महीना कश्मीर में पर्यटन के हिसाब से सबसे पीक टाइम है। इन तीन महीनों में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक वैष्णो देवी, अमरनाथ और कश्मीर घूमने के लिए जाते हैं। ज्यादातर लोग परिवार के साथ ही यहां आते हैं, लेकिन इस घटना के बाद लोग डर गए हैं। पर्यटक अब शिमला, मनाली और उत्तराखंड जैसे स्थानों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं।
गर्मी सीजन में जाते हैं पांच हजार से ज्यादा पर्यटक
अलवर जिले से हर साल हजारों की संख्या में लोग वैष्णो देवी जाते हैं। इसके अलावा कश्मीर में घूमने को जाने वाले पर्यटकों की संख्या भी अच्छी खासी है। हर बार गर्मी के सीजन में 5 हजार से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर जाते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या बहुत कम रहेगी।
वेटिंग भी हुई कम
जम्मू को जाने वाली ट्रेनों में मई और जून में लंबी वेटिंग या नो रूम की स्थिति रहती है, लेकिन पहलगाम की घटना के बाद यह वेटिंग 60 से 70 के बीच है। इसी तरह टिकट निरस्त होते रहे तो आने वाले दिनों में वेटिंग और भी कम होगी।
370 हटने के बाद बढ़े थे सैलानी
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद सैलानियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ था। लोगों में आतंकी हमलों का खौफ भी कम हुआ था, लेकिन पहलगाम घटना के बार एक बार फिर लोग कश्मीर जाने से तौबा कर रहे हैं।