विशेषज्ञों की एक समिति गठित
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों और संबंधित विभागों को तत्काल प्रभाव से सरकारी भवनों का निरीक्षण कर जर्जर इमारतों की मरम्मत शुरू करने का आदेश दिया। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है, जिसे पांच दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस समिति में जिला परिषद के सीईओ, मनोहरथाना के एसडीएम और झालावाड़ के अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। यह समिति हादसे के कारणों का पता लगाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेगी।MLALAD फंड के खर्च में किया बदलाव
इसके अलावा, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLALAD) में भी बदलाव किया गया है। अब विधायक अपने वार्षिक आवंटन का 20% तक स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों और डिस्पेंसरियों जैसे सरकारी भवनों की मरम्मत के लिए उपयोग कर सकेंगे। पहले यह सीमा काफी कम थी, जिससे मरम्मत कार्य में देरी होती थी।यहां देखें वीडियो-
मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में जर्जर स्कूल भवनों और अन्य सरकारी इमारतों की मरम्मत के लिए प्राथमिकता से फंड की सिफारिश करें। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। सरकार का लक्ष्य है कि झालावाड़ जैसे हादसे दोबारा न हों और बच्चों की जान को कोई खतरा न हो।