scriptGood News: आमेर के मावठे का 12 साल बाद लौटेगा रोमांच, पर्यटकों के लिए यह होगा खास, जानें | Good News: The thrill of Amer's Mavthe will return after 12 years, this will be special for tourists at Mavthe, know | Patrika News
जयपुर

Good News: आमेर के मावठे का 12 साल बाद लौटेगा रोमांच, पर्यटकों के लिए यह होगा खास, जानें

राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने जुलाई-अगस्त के मानसून सीजन में आमेर आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को एक नया अनुभव देने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 12 साल बाद मावठे में एक बार फिर बोटिंग की सुविधा शुरू की जा रही है।

जयपुरJun 30, 2025 / 08:21 am

anand yadav

ऐतिहासिक मावठे का वैभवशाली गौरव, पत्रिका फोटो

Tourist Destination Amer: मानसून की शुरुआत में ही आमेर का मावठा लबालब हो चुका है। ऐसे में राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने जुलाई-अगस्त के मानसून सीजन में आमेर आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को एक नया अनुभव देने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 12 साल बाद मावठे में एक बार फिर बोटिंग की सुविधा शुरू की जा रही है।

5 से 7 इंजन बोट्स चलेंगी

फिलहाल बोट संचालन के लिए फर्म के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। निगम अधिकारियों का कहना है कि 15 जुलाई के बाद बोटिंग शुरू की जा सकती है। चयनित फर्म मावठे में 5 से 7 इंजन बोट्स का संचालन करेगी। खास बात यह होगी कि इनमें सैर के साथ-साथ पर्यटक डाइनिंग का भी आनंद ले सकेंगे। बोटिंग के दौरान फास्ट फूड के साथ राजस्थानी व्यंजन भी परोसे जाएंगे। यदि पर्यटकों की संया बढ़ती है तो फर्म बोट्स की संया में भी इजाफा कर सकेगी।
मावठे में जल​क्रीड़ा करते मगरमच्छ, पत्रिका फोटो

पर्यटकों को मिलेगा नया अनुभव

पर्यटन विशेषज्ञ भगत सिंह लोहागढ़ ने कहा कि आमेर को ’आइकॉनिक आमेर’ बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। बीते वर्षों के ट्रेंड पर नजर डालें तो आमेर न केवल विदेशी पर्यटकों बल्कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से आने वाले यात्रियों के बीच भी पसंदीदा पर्यटन स्थल बन चुका है। अब जब पर्यटक आमेर महल की भव्यता के साथ मावठे में बोटिंग का अनुभव भी ले सकेंगे, तो यह उनके लिए यादगार और नया अनुभव साबित होगा।

मावठा झील का इतिहास

मावठा, जयपुर के आमेर किले के पास स्थित एक कृत्रिम झील है। इसका निर्माण कछवाहा राजा जयसिंह के समय में किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य महल की सुंदरता और सुरक्षा बढ़ाना था। वर्षा ऋतु में, मावठा झील पानी से भर जाती है, जिससे यह और भी सुंदर हो जाती है।
मावठे पर लगे चेतावनी बोर्ड, पत्रिका फोटो

यूं पड़ा मावठा झील का नाम

मावठा झील का निर्माण आमेर किले के साथ ही किया गया था, ताकि महल की सुंदरता और सुरक्षा में वृद्धि हो सके।
पहले इसे महावटा सरोवर कहा जाता था, जो बाद में बिगड़कर मावठा बन गया। इसके तट पर पहले बड़े-बड़े वट वृक्ष हुआ करते थे। मावठा झील वर्षा जल को इकट्ठा करने का काम करती है, जो आमेर महल और आसपास के लोगों के लिए पानी का मुख्य स्रोत था।

कभी महकती थी केसर क्यारी

झील के बीच में एक छोटा सा टापू है, जिसे केसर क्यारी कहा जाता है। कभी यहां सुगंधित केसर बोई जाती थी,
महल में हाथियों को भी इस झील में जलक्रीड़ा कराई जाती थी। जयपुर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन भी इसी झील में किया जाता था। मावठा झील आज भी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है, खासकर तब जब यह पानी से भरी होती है।

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