scriptदुश्मन का विमान आने की सूचना… एयरबेस बचाने के लिए फैलाया डीजल, तत्कालीन बाड़मेर कलक्टर ने सुनाई 54 साल पहले की दास्तां | During mock drill in Rajasthan then Barmer collector narrated the story of 1971 | Patrika News
जयपुर

दुश्मन का विमान आने की सूचना… एयरबेस बचाने के लिए फैलाया डीजल, तत्कालीन बाड़मेर कलक्टर ने सुनाई 54 साल पहले की दास्तां

राजस्थान के 28 शहरों में आज मॉक ड्रिल होगी।

जयपुरMay 07, 2025 / 01:27 pm

Lokendra Sainger

mock drill

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद राजस्थान के 28 शहरों में बुधवार को मॉक ड्रिल होने जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। प्रदेशभर में जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है। शहर में अलग-अलग स्थानों पर 2 मिनट के लिए सायरन बजेंगे। साथ 10 मिनट के लिए ब्लैकआउट किया जाएगा।
युद्ध की गतिविधियों को नजदीकी से देखने वाले बाड़मेर के तत्कालीन कलक्टर आईसी श्रीवास्तव ने अपने कुछ अनुभव शेयर किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय मोर्चा सेना ने संभाल रखा था, लेकिन लोगों का जोश भी कम नहीं था। न दफ्तर बंद हुए और न कोर्ट-कचहरी। हमले के समय लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सीमावर्ती जिलों में प्रमुख स्थानों पर गहरे गढ़्ढे खुदवाए गए।

एयरबेस बचाने के लिए फैलाया डीजल

बाड़मेर के तत्कालीन कलक्टर आईसी श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों ने युद्ध के बारे में सुना है, हमने तो देखा और युद्ध के बाद करीब 11 माह पाकिस्तान के छाछरो तक कलक्ट्री की। दुश्मन का विमान आने की सूचना मिलने पर तत्काल लाइट बंद करने को कहा, लेकिन लाइट बंद होती उससे पहले विमान आकर चला गया। उसके बाद ऐसा उपाय किया कि एयरबेस दिख ही नहीं पाए।
उन्होंने कहा कि इलाके में पावर हाउस का डीजल जमीन पर फैला दिया। चांदनी रात होने से इलाका चमकदार हो गया, ऊपर से कुछ दिखना ही संभव नहीं था। पूरे कस्बे में गली-गली साउंड सिस्टम लगवाया और मैं एक कमरे से लोगों तक अपनी बात पहुंचाता। लोगों की सुरक्षा के लिए ट्रेंच खुदवाईं। खुद भी अंधेरे में 10 फीट गहरे गढ्ढे से लोगों से संपर्क करता।

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