चयन की फैलाई झूठी जानकारी
थानाप्रभारी महेन्द्र यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मूली देवी उर्फ मोना बुगालिया (33) निवासी नीम्या का बास, डीडवाना है। उसने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हुई थी। इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर अपने चयन की झूठी जानकारी फैलाई और पुलिस अकादमी में फर्जी तरीके से प्रशिक्षण लिया। इस दौरान वह पुलिस की वर्दी पहनकर अकादमी में घूमती रही और आइपीएस व आरपीएस अधिकारियों के साथ फोटो भी खिंचवाए, ताकि लोगों पर उसका प्रभाव बना रहे। मुख्य द्वार से प्रवेश नहीं करती थी आरोपी
जांच में यह भी सामने आया कि, मूली देवी को आइडी कार्ड की जांच का डर था, इसलिए वह आरपीए के मुख्य द्वार से प्रवेश नहीं करती थी। वह अधिकारियों और उनके परिजन के लिए बनाए गए विशेष द्वार से ही आती-जाती थी। पुलिस अब उसकी मदद करने वालों की जानकारी जुटा रही है। यह भी सामने आया है कि मूली देवी सीकर में रहते हुए वाट्सऐप कॉलिंग के जरिए लोगों को धमकाने का काम करती थी।
इस तरह सामने आया फर्जीवाड़ा
एसआइ के एक वाट्सऐप ग्रुप में सहकर्मी को धमकी देने की शिकायत अधिकारियों तक पहुंची। जांच के दौरान यह सामने आया कि मूली देवी का नाम किसी भी प्रशिक्षण बैच में शामिल नहीं था। इसके बाद वर्ष 2023 में आरपीए की ओर से शास्त्री नगर थाने में उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी।