गुरुवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में शर्मा ने कहा कि राजस्थान पाकिस्तान सीमा से लगा राज्य है, इसलिए यह सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ब्लैक आउट ड्रिल की सख्ती से अनुपालना की जाए और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में एसडीआरएफ की यूनिट्स तैनात की जाएं ताकि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके।
मुख्यमंत्री शर्मा ने श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जैसे जिलों के लिए 5 करोड़ रुपये तथा फलौदी, जोधपुर और हनुमानगढ़ के लिए 2.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता स्वीकृत की है। इस सहायता से संबंधित जिलों में आवश्यक उपकरण, संसाधन और सेवाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। उन्होंने इन जिलों में चिकित्सा, खाद्यान्न, पेयजल, बिजली, पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं से संबंधित रिक्त पदों को तुरंत भरने के भी निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आरएसी और होमगार्ड की अतिरिक्त कंपनियां सीमावर्ती जिलों में भेजने के आदेश दिए। फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और अस्पतालों में दवा तथा ब्लड बैंकों में आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री स्वयं सीमावर्ती जिलों के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और आईजी से लगातार संपर्क में हैं और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को सेना और केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया है।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, डीजीपी यू.आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।