आदेश में कुल 5,452 शिक्षकों को वीक्षक नियुक्त किया गया। जैसे ही यह सूची जारी हुई, शिक्षक संगठनों में नाराजगी फैल गई। उनका कहना था कि केवल वरिष्ठ अध्यापक और अध्यापकों को ही वीक्षक के रूप में लगाया जाना चाहिए। आदेशों के चलते कई स्कूलों में अवकाश जैसी स्थिति बन गई।
इन लोगों के हटाए गए नाम
विरोध बढ़ता देख देर रात डीईओ (प्रारंभिक) कार्यालय से संशोधित आदेश जारी किए गए, जिनमें प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के नाम हटा दिए गए। डीईओ प्रारंभिक रामनिवास शर्मा ने स्वीकार किया कि त्रुटिवश प्रिंसिपल की ड्यूटी वीक्षक के रूप में लग गई थी, लेकिन गलती का पता चलते ही संशोधित आदेश जारी कर दिए गए।
पूरा स्टाफ ड्यूटी पर
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश महामंत्री नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि आदेशों में कई विद्यालयों के पूरे स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई है। यहां तक कि जो कर्मचारी लंबे समय से चिकित्सा अवकाश पर हैं, उनके नाम भी सूची में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को 14 अगस्त को कार्यग्रहण करना है, ऐसे में जिन विद्यालयों का पूरा स्टाफ ड्यूटी पर भेजा गया, वहां स्कूल खोलना मुश्किल होगा। इसके साथ ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों पर भी असर पड़ रहा है।