सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि संबंधित स्थानीय निकाय क्षेत्रों में भी बिना किसी शुल्क के आवंटित की जाएगी। संबंधित निकायों को 25 प्रतिशत डीएलसी दर पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
इन स्थानों पर विकसित होंगी नई मंडियां और फूड पार्क
राज्य के कई जिलों में कृषि अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए नवीन मंडियों की स्थापना की जा रही है, जिनमें बीदासर (चूरू), भिनाय, रूपनगढ़ (अजमेर), टपूकड़ा (अलवर), रामगढ़ (दौसा), नावां, खाटू खुर्द (नागौर), सीमलवाड़ा (डूंगरपुर), राजाखेड़ा (धौलपुर), रियाबड़ी (नागौर) शामिल हैं। साथ ही सिरोही, माखूपुरा (अजमेर), बर (पाली) में फल-सब्जी मंडियां और बनेठा (टोंक), मण्डार (सिरोही), बहरावण्डा कलां (सवाईमाधोपुर), नासिरदा (टोंक) व सेखाला (जोधपुर) में गौण कृषि मंडियों की स्थापना की जाएगी। इसके अतिरिक्त, भरतपुर की प्रमुख अनाज एवं सरसों मंडी को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं, अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर) में मिनी फूड पार्क और सांचौर (जालौर) में एग्रो फूड पार्क की भी स्थापना की जाएगी।
13.87 करोड़ की लागत से मंडियों में होंगे निर्माण कार्य
मुख्यमंत्री ने विभिन्न कृषि उपज मंडियों में बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 13 करोड़ 87 लाख रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की है। इसके तहत जयपुर की सूरजपोल मंडी, बूंदी और सीकर मंडियों में नवीन सम्पर्कसड़कों का निर्माण किया जाएगा। कोटा जिले की खातोली मंडी में नवीन भवन निर्माण, बूंदी की कापरेन गौण मंडी में चारदीवारी की मरम्मत और जोधपुर की बापिणी उपमंडी में चारदीवारी निर्माण के कार्य करवाए जाएंगे।
कृषक कल्याण कोष से कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को बड़ी राहत
सरकार ने कृषक कल्याण कोष से कृषि विभाग को 11.50 करोड़ रुपए और उद्यानिकी विभाग को 20 करोड़ रुपये की राशि बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के लिए हस्तांतरित करने की स्वीकृति भी प्रदान की है। मुख्य बातें:
• सभी घोषित मंडियों और फूड पार्क के लिए निःशुल्क भूमि आवंटन
• 13.87 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण एवं मरम्मत कार्य
• कृषि और उद्यानिकी विभाग को 31.50 करोड़ की धनराशि जारी
• राज्य के 20 से अधिक क्षेत्रों में विकसित होंगी नई मंडियां