राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन (जेजेएम) में जयपुर समेत पांच जिलों में बिना काम श्री श्याम व गणपति ट्यूबवैल को 50 करोड़ रुपए के भुगतान की जांच बंद नहीं होगी। पत्रिका में 55 करोड़ का फर्जीवाड़ा, 150 इंजीनियरों पर गिर सकती है जांच, बिना काम 55 करोड़ का भुगतान, जांच बंद करने की तैयारी शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किए।
इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जलदाय विभाग के विजिलेंस और क्वालिटी कंट्रोल विंग के इंजीनियरों के बिना काम भुगतान मामले की जांच से इनकार करने को गंभीर माना। उन्होंने विभाग के आला अधिकारियों को जल्द से जल्द इस पूरे गड़बड़झाले की जांच कर दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
रिपोर्ट भेजना शुरू, इसी सप्ताह कार्रवाई
सीएम शर्मा के सख्त रुख के बाद तीनों कमेटियों के इंजीनियर सक्रिय हुए और जयपुर के जमवारामगढ़, सीकर, कोटपूतली-बहरोड, नीमकाथाना जिलों के अधीक्षण अभियंताओं से सम्पर्क किया। सूत्रों के अनुसार इन जिलों के अधीक्षण अभियंताओं ने मौके पर हुए कार्य, इनका सत्यापन और भुगतान की रिपोर्ट कमेटियों को भेजना शुरू कर दिया है, जिससे बिना काम भुगतान करने वाले 150 इंजीनियरों को आरोप पत्र देकर उनको निलंबित किया जा सके।
यह वीडियो भी देखें
बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह इंजीनियरों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। हालांकि कमेटी से जुडे एक इंजीनियर ने यह भी कहा कि कुछ इंजीनियर अब भी वहीं हैं और इस वजह से जेजेएम के कार्य, सत्यापन और भुगतान की रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। इधर विभाग के एक सीनियर इंजीनियर के अनुसार अन्य जिलों में भी बिना काम फर्मों को हुए करोड़ों रुपए के भुगतान के मामलों में फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी की जा रही है।