scriptबड़ा खुलासा : कोटा में खुदकुशी करने वाले ज्यादातर कोचिंग छात्रों की उम्र 17 साल, इनमें 92% नीट की तैयारी कर रहे थे | Age of Kota coaching students who died was 17 years, 92 percent of them were preparing for NEET | Patrika News
जयपुर

बड़ा खुलासा : कोटा में खुदकुशी करने वाले ज्यादातर कोचिंग छात्रों की उम्र 17 साल, इनमें 92% नीट की तैयारी कर रहे थे

अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच कोटा में 253 आत्महत्याएं हुईं, जिनमें 27 कोचिंग छात्र थे। इनमें से 25 छात्र नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट (नीट यूजी) की कोचिंग कर रहे थे।

जयपुरJul 24, 2025 / 10:52 pm

Rakesh Mishra

kota news

प्रतीकात्मक तस्वीर

अभिषेक यादव
पढ़ाई के तनाव और बड़ी अपेक्षाओं के बोझ में दब कर आत्महत्या करने वाले कोटा के कोचिंग छात्रों में से 92.5 फीसदी नीट एस्पायरेंट थे। सबसे ज्यादा आत्महत्या यूपी के छात्रों ने की। एक दुखद तथ्य यह भी कि जान देने वाले अधिकतर किशोरों की उम्र महज 17 वर्ष थी। कोटा मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने यह खुलासे किए हैं।

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सबसे ज्यादा आत्महत्या फांसी लेकर की गई। इसलिए डॉक्टरों ने सभी हॉस्टल के कमरों में एंटी हैंगिंग रॉड लगाने सिफारिश की है। कोचिंग में वीकली टेस्ट भी बंद करने को कहा है। चिकित्सकों ने यह खुलासे एक रिपोर्ट में जारी किए। इसमें बताया कि अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच कोटा में 253 आत्महत्याएं हुईं, जिनमें 27 कोचिंग छात्र थे। इनमें से 25 छात्र नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट (नीट यूजी) की कोचिंग कर रहे थे।
दो छात्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (आईआईटी जेईई) की तैयारी कर रहे थे। जान देने वाले इन मासूमों में 22 छात्र और 5 छात्राएं थीं। चिकित्सकों में शामिल डॉ. प्रदीप मीणा ने पत्रिका को बताया कि आत्महत्या के कई मामले आने के बाद इनकी तह में जाने के लिए चिकित्सकों ने दिवंगत बच्चों के माता-पिता, पुलिस आदि से बात की। माता-पिता की अनुमति लेकर यह रिपोर्ट बनाई गई। इसमें कोटा सरकारी मेडिकल कॉलेज व इससे जुड़े अस्पतालों में आए मामले शामिल किए।
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सबसे बड़ी वजह : पढ़ाई का तनाव

पढ़ाई के तनाव को 16 छात्रों और 4 छात्राओं ने आत्महत्या की वजह बताया। अवसाद की वजह से 5 छात्रों और 1 छात्रा ने अपना जीवन खत्म किया। 1 मामले में वजह प्रेम प्रसंग था।
Suicide in Kota

23 ने फंदा लगाया

  • 23 विद्यार्थियों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, इनमें 19 छात्र और 4 छात्राएं थीं। 2 विद्यार्थी तो महज 15 साल के थे। 4 विद्यार्थी 16 वर्ष, 9 विद्यार्थी 17 वर्ष, और 6 विद्यार्थी 18 वर्ष के थे। दो विद्यार्थी 20 और 22 वर्ष के थे।
  • 1 छात्रा ने जहर खाया, वह केवल 16 साल की थी।
  • 17 और 19 साल के दो छात्रों ने इमारत से कूद कर जान दी।
  • 17 साल के 1 छात्र की मौत दम घुटने से हुई।

रिपोर्ट में सुझाए ये उपाय

  • बच्चों द्वारा आत्महत्या को रोकने के लिए वीकली टेस्ट रोकने होंगे। कम से कम टेस्ट के परिणाम नोटिस बोर्ड पर लगाना बंद करें।
  • सभी हॉस्टल संचालक कमरों में एंटी हैंगिंग रॉड लगवाएं। सीसीटीवी कैमरों व निगरानी प्रणालियों का भी उपयोग करें।
  • विद्यार्थियों पर बैच बदलने के सिस्टम का भी बहुत नकारात्मक असर हो रहा है।
  • बाहर से आए कोचिंग विद्यार्थियों के लोकल गार्जियन बनाएं। इनके साथ वे अपने तात्कालिक हालात शेयर कर सकते हैं। विद्यार्थियों के ग्रुप्स को एकदूसरे का ध्यान रखने के लिए प्रेरित करें।

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