स्वायत्त शासन विभाग के सचिव रवि जैन ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी नगरीय निकायों में अब तक 2699 जर्जर भवनों की पहचान की जा चुकी है। इन भवनों को नियमानुसार सील कर ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जैन ने सभी आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने और जर्जर भवनों के सामने स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। इससे आम जनता को खतरे की जानकारी मिल सकेगी और अनहोनी को रोका जा सकेगा।
बारिश की वजह से उठाया ये कदम
बताते चलें कि आगामी भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्वायत्त शासन विभाग पूरी तरह सतर्क मोड में आ गया है। रवि जैन ने बैठक में नगरीय निकायों के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई कर जनता को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। विशेष रूप से विद्युत तंत्र की सुरक्षा पर ध्यान देते हुए, जैन ने विद्युत डिस्कॉम के अभियंताओं के साथ समन्वय कर सड़क किनारे ढीले तारों को तुरंत ठीक करने का आदेश दिया। इसके साथ ही बिजली के खंभों, डीपी, केबल बॉक्स और स्विच बॉक्स के पास लटक रहे तारों को हटाने, टूटे स्विच बॉक्स के ढक्कनों की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए।
करंट से बचाव के लिए तैयारी
जैन ने आकस्मिक अग्निकांड या करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अग्निशमन वाहनों, तकनीकी उपकरणों और स्टाफ को हर समय तैयार रखने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी निकायों को पूरी तरह तैयार रहना होगा।
हरियालो राजस्थान अभियान की समीक्षा
बैठक में ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान के तहत पौधारोपण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार पौधारोपण करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान डीएलबी निदेशक प्रतीक जुईकर, नगर निगम हेरिटेज आयुक्त डॉ. निधि पटेल, अतिरिक्त निदेशक श्याम सिंह सहित सभी नगरीय निकायों के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।
जनता की सुरक्षा सर्वोपरि- रवि जैन
रवि जैन ने कहा कि जनता की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। जर्जर भवनों को ध्वस्त करने और विद्युत तंत्र की मरम्मत के लिए तेजी से कार्रवाई की जाएगी। सभी निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में जर्जर भवनों की पहचान और उनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दें। साथ ही, बारिश के मौसम में विद्युतजनित हादसों से बचाव के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।