ऐसे में अब यहां के लोगों ने भी मांग तेज कर दी है कि जब तक पूरी सुविधा नहीं दी जाती, तब तक टोल वसूली बंद की जाए। पत्रिका की टीम ने इस विषय पर शहर के नागरिकों से चर्चा किया जिसमें लोगों ने कहा कि बस्तर के लिए एनएच 30 जीवन रेखा है, लेकिन केशकाल घाटी इस मार्ग के सुगम होने में सबसे बड़ी बाधा है। ऐसे में यहां पर टोल टैक्स लेना अनुचित है।
CG News: केरल हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
बुधवार को केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एनएचएआई को यह कहते हुए फटकार लगाई कि जब तक सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यातायात उपलब्ध नहीं होता, तब तक टोल वसूली अवैध है। अदालत ने यह आदेश एडापल्ली से मन्नुथी के बीच हो रही वसूली पर रोक लगाते हुए दिया है।
बस्तर के हालात भी अलग नहीं हैं…
एनएच 30 और एनएच 63 जैसे मार्गों पर लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं। जगह जगह पुल पुलियों के निर्माण अधूरी है। एनएच गड्ढों से भरी पड़ी है, सर्विस लेन का आभाव है। सबसे ज्यादा केशकाल घाट में जाम लगना परेशान करती है। यहां पर घंटो ट्रैफिक जाम लगना आम बात है। बावजूद इसके यात्रियों से टोल वसूली जारी है।
इधर अन्य सड़कों पर भी दें ध्यान
CG News: नेशनल हाइवे के अलावा शहर व गांव तक पहुंचने व वहां से गुजरे वाली सड़कों की हालत भी खराब है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट के संज्ञान में मामले आने के बाद ही शासन-प्रशासन कोई कदम उठाता है। बदहाल सड़कों का खामियाजा आम लोग भुगतते हैं। इस ओर ध्यान देवें। चंद्रमोहन थंथराटे, युवा व्यापारी: केरल हाइकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। एनएचआई अगर यात्रियों को सुविधा नहीं दे पा रही है तो टोल नहीं लेना चाहिए। यह नियम देशभर में लागू हो,
बस्तर में भी टैक्स माफ होना चाहिए है। सरकार को सामने आना चाहिए।
निकेत नागवानी, युवा व्यापारी: केरल हाईकोर्ट का फैसला जनता की आवाज है। बस्तर में तो स्थिति सबसे अधिक बदतर है। यहां की सड़कों में न सुरक्षा है न प्रकाश व्यवस्था। बिना किसी सुविधा के टोल वसूली अन्याय है।
उत्तम साहू, युवा समाजसेवी: केशकाल घाटी में आए दिन जाम की वजह से घंटों वाहनों की कतार लगी रहती है। स्वास्थ्य सुविधा व प्रतियोगी परीक्षा से वंचित होना पड़ता है। फिर भी टोल देना कहां का न्याय है। जनप्रतिनिधि पहल कर सक ते हैं।
दिलीप शुक्ला, कर सलाहकार: बस्तर से रायपुर तक चार टोल पार करते हैं, लेकिन रास्ते में हर जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं। पुल पुलिया में वाहन पलटने का डर रहता है। गाड़ी जल्दी खराब हो जाती है। हमें भी टोल टैक्स से राहत मिलनी चाहिए।
गुलशन नौतानी, युवा व्यापारी: एनएचएआइ को पहले सुविधा देना चाहिए, बाद में पैसा लेना चाहिए। हाईकोर्ट का आदेश सराहनीय है, हमें भी न्याय मिलना चाहिए। सुविधाएं नहीं हैं, तो टोल वसूली नाजायज है। इसे रोकने प्रशासन को आगे आना होगा।
शंकर श्रीवास, युवा नागरिक: रायपुर जाते हुए सभी चार टोल नाके में टैक्स लिया जाता है। लेकिन सुविधाएं नहीं है। सड़क टूटी हैं जिस पर चलना खतरे से खाली नहीं है। जब सुविधा नहीं मिल रही तो वसूली अनुचित है।